Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bahraich Gazi Mela : हाई कोर्ट ने नहीं दी बहराइच के सैयद सालार मसूद गाजी दरगाह पर मेला की अनुमति, जारी रहेंगी अन्य गतिविधियां

    Bahraich Gazi Mian Mela इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शनिवार को बहराइच दरगाह जेठ मेले पर रोक मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया। कोर्ट ने फैसला सुनाने तक अंतरिम आदेश दिया कि बहराइच दरगाह जेठ मेले पर रोक के प्रशासन के निर्णय में फिलहाल हम दखल नहीं देंगें।

    By Dharmendra Pandey Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Sat, 17 May 2025 08:45 PM (IST)
    Hero Image
    बहराइच दरगाह जेठ मेले पर रोक जारी रहेगी

    विधि संवाददाता, लखनऊ : बहराइच के सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले मेले पर लगी रोक जारी रहेगी। मेला प्रबंध समिति की ओर दायर यायिका में शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने मेला समिति को मेला आयोजन की इजाजत नहीं दी है। मेले के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई रोक जारी रहेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बहराइच के सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर सालाना लगने वाले उर्स जिसे जेठ मेला भी कहा जाता है, को जिलाधिकारी के अनुमति न देने के आदेश में हस्तक्षेप से फिलहाल इंकार कर दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि दरगाह में पारंपरिक क्रियाकलाप चलते रहेंगे। राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देगी व संबंध में कमेटी का सहयोग लेगी। न्यायालय ने उक्त विवाद पर अपना निर्णय भी सुरक्षित कर लिया है जिसे बाद में सुनाया जाएगा।

    न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की विशेष खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश बहराइच की दरगाह शरीफ प्रबंध समिति की ओर से इसके चेयरमैन समेत छह लोगों की जनहित याचिका को सुनने के बाद दिया। याचियों की ओर से कहा गया था कि गाजी मियां का जेठ मेला 18 मई से शुरू हो रहा है, इसलिए मामले की जल्द सुनवाई की जाए। इसको देखते हुए मुख्य न्यायमूर्ति ने मामले की अर्जेंट सुनवाई के लिए शनिवार को यह विशेष खंडपीठ गठित की थी। हाई कोर्ट ने यह भी तर्क दिया गया कि प्रशासन की कानून-व्यवस्था को लेकर की चिंताएं उचित हैं और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन का ही कर्तव्य है। न्यायालय ने उपरोक्त अंतरिम आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी की सहमति पर पारित किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता (सीएससी) शैलेंद्र कुमार सिंह ने याचिका का विरोध किया। याचियों की ओर से उनके अधिवक्ता डा एलपी मिश्र ने मेला आयोजन की अनुमति देने की दलीलें दीं।

    याचियों की ओर से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए शनिवार के दिन विशेष पीठ का गठन कर सुनवाई करने का अनुरोध किया गया था, जिसके बाद विशेष पीठ का गठन किया गया। लगभग तीन घंटे तक याचियों और राज्य सरकार की बहस सुनने के उपरांत परित अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि जेठ मेला में होने वाली सांस्कृतिक व व्यावसायिक गतिविधियों को देखते हुए प्रथम दृष्टया हम जिलाधिकारी के अनुमति न देने संबंधी आदेश में हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझते हैं। न्यायालय ने दरगाह कमेटी को यह भी आदेश दिया है कि कमेटी इस बात का ध्यान रखे कि वहां इतनी भीड़ न इकट्ठा हो जिससे भगदड़ या अन्य किसी अनहोनी की आशंका बढ़े। कोर्ट ने साफ कहा है कि बहराइच जिला और पुलिस प्रशासन की मेला पर रोक में हम दखल नहीं देंगे। दरगाह पर होने वाले अन्य कार्यक्रम में सीमित संख्या में जायरीन शामिल हो सकेंगे, जिससे की माहौल न बिगड़े।

    खंडपीठ को बताया गया कि दरगाह समिति ने मेला आयोजित करने के लिए औपचारिक अनुमति नहीं मांगी थी, बल्कि इसने केवल जिला प्रशासन से संबंधित अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक बुलाकर कार्यक्रम के आयोजन की योजना बनाने का अनुरोध किया था। यह भी बताया गया कि बलरामपुर में देवी पाटन मेला हाल ही में जिला प्रशासन की मदद से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री भी उक्त कार्यक्रम में शामिल हुए।

    याचिका में बहराइच के जिलाधिकारी के 26 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें सैयद सालार मसूद गाजी के दरगाह के पास हर साल लगने वाले जेठ मेले की इस बार अनुमति नहीं दी गई है। याचियों ने इसे कानून की मंशा के खिलाफ कहकर जिलाधिकारी को मेले की अनुमति देने का निर्देश देने का आग्रह किया था। सरकारी वकील ने डीएम के आदेश को उचित कहकर याचिका का विरोध किया था। सीएससी का कहना था कि मेले पर रोक का आदेश स्थानीय अभिसूचना इकाई समेत खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है।