हाई कोर्ट से सीतापुर के सांसद राकेश राठौर को राहत, दुष्कर्म केस में सभी कार्यवाहियों पर अंतरिम रोक
MP Sitapur Rakesh Rathore Rape Case राठौर के अधिवक्ता ने पक्ष रखा कि अभियोजन के आरोप आधारहीन हैं। तथ्यों से कथित दुष्कर्म की घटना सही नहीं है। सरकारी वकीलों ने यह कहकर याचिका का विरोध किया कि मामले में अभियुक्त राठौर के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं जिनका मूल्यांकन अभी आरोप तय करने के स्तर पर नहीं किया जा सकता।

विधि संवाददाता, लखनऊ : सीतापुर से कांग्रेस के सांसद राकेश राठौर को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप में सीतापुर के ट्रायल कोर्ट में राठौर के खिलाफ चल रही सभी कार्यवाहियों पर अंतरिम रोक लगा दी है।
कोर्ट ने प्रकरण को 28 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। सांसद ने पांच मई को ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सीतापुर की 49 वर्षीय विवाहित महिला ने 17 जनवरी 2025 को कोतवाली सीतापुर में राठौर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर आरोप लगाया है कि सांसद ने चार वर्ष तक यौन उत्पीड़न किया। इस मामले में राठौर जमानत पर हैं।
राकेश राठौर की दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने 20 मई को सुनवाई की थी और गुरुवार को यह आदेश दिया। ट्रायल कोर्ट के पांच मई के उस आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें राठौर को दुष्कर्म मामले से आरोपमुक्त करने की अर्जी खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक पांच मई के इस आदेश पर भी रोक लगा दी है।
राठौर के अधिवक्ता ने पक्ष रखा कि अभियोजन के आरोप आधारहीन हैं। दुष्कर्म के आरोपित सांसद के पक्ष से दलील दी गई कि उसे राजनीतिक कारणों से झूठा फंसाया गया है। इस मामले में चार वर्ष बाद एफआईआर दर्ज हुई है। तथ्यों से कथित दुष्कर्म की घटना सही नहीं है। सरकारी वकीलों ने यह कहकर याचिका का विरोध किया कि मामले में अभियुक्त राठौर के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं, जिनका मूल्यांकन अभी आरोप तय करने के स्तर पर नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने मामले के तथ्यों के मद्देनजर याचिका पर अगली सुनवाई तक के लिए ट्रायल कोर्ट में राठौर के खिलाफ इस मामले में चल रही सभी कार्यवाहियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका विचारार्थ मंजूर कर मामले में राज्य सरकार समेत पक्षकारों को जवाब दाखिल करने को दो सप्ताह का समय दिया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद पर पीड़िता ने सीतापुर के कोतवाली नगर में दुष्कर्म करने, धमकाने व सदोष परिरोध करने के आरोपों में एफआईआर दर्ज करवायी है। पीड़िता का आरोप है कि कांग्रेस सांसद ने शादी का झांसा देकर व राजनीतिक करियर में मदद का लालच देकर चार सालों तक शारीरिक शोषण किया। मामले में कांग्रेस सांसद को जेल भी जाना पड़ा था तथा हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हुई थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।