Allahabad High Court : इलाहाबाद हाई कोर्ट को उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश, 16 तक नियुक्त करें एडवोकेट जनरल
Allahabad High Court Lucknow Bench इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को 16 मई तक प्रदेश में नया एडवोकेट जनरल नियुक्त करने का आदेश दिया है। एडवोकेट जनरल राघवेन्द्र सिंह ने करीब एक माह पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्य प्रारंभ करने के बाद भी अभी तक एडवोकेट जनरल की नियुक्ति ना होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख बेहद सख्त है। कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को 16 मई तक प्रदेश का एडवोकेट जनरल नियुक्त करने का आदेश दिया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 16 मई को होगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को 16 मई तक प्रदेश में नया एडवोकेट जनरल नियुक्त करने का आदेश दिया है। प्रदेश के एडवोकेट जनरल राघवेन्द्र सिंह ने नई सरकार के गठन के बाद करीब एक माह पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार को यह आदेश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर शुक्रवार को पारित किया है।
कोर्ट ने कहा कि यह संविधानिक परम्परा रही है कि किसी सरकार की पहली कैबिनेट का निर्णय महाधिवक्ता यानी एडवोकेट जनरल की नियुक्ति करना करना होता था। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इसमें विफल रही है। कोर्ट ने कहा कि महाधिवक्ता को ना केवल सरकार को सलाह ही नही देनी होती अपितु उसे कई वैधानिक जिम्मेदारी निभानी होती है। जिसे केवल वही निभा सकता है और उसकी यह जिम्मेदारी किसी अपर महाधिवक्ता या किसी अन्य को ट्रांसफर नही की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि लम्बे समय से प्रदेश में महाधिवक्ता का पद खाली रखना न्याय हित में नहीं है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इससे पहले अधिवक्ता रमा कांत दीक्षित की दाखिल जनहित याचिका पर उन्हें आड़े हाथों लिया। कोर्ट को उनकी दायर एक याचिका में तमाम भड़काने वाले तथ्य मिले। कोर्ट ने उन्हें याचिका से हटाकर अधिवक्ता एस सी कशिश को याची नियुक्त कर दिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।