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    Chinese Garlic: चाइनीज लहसुन की बिक्री पर हाई कोर्ट सख्‍त, यूपी सरकार से पूछा सवाल; आज फ‍िर सुनवाई

    Updated: Fri, 27 Sep 2024 11:05 AM (IST)

    Chinese Garlic चाइनीज लहसुन की बिक्री पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के नामित अफसर को शुक्रवार को कोर्ट में तलब करते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि चाइनीज लहसुन कैसे बाजार में बेचा जा रहा है। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी।

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    प्रत‍िबंध के बावजूद बाजार में बि‍क रहा चाइनीज लहसुन।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    विधि संवाददाता, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के चिनहट में सेहत के लिए हानिकारक चाइनीज लहसुन की बिक्री पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के नामित अफसर को शुक्रवार को कोर्ट में तलब करते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि चाइनीज लहसुन कैसे बाजार में बेचा जा रहा है, जबकि उस पर प्रतिबंध है।

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    कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से भी पूछा है कि देश में उक्त प्रतिबंधित लहसुन की आवक रोकने के लिए क्या तंत्र है और क्या सरकार ने प्रतिबंधित लहसुन के देश में इसकी आवक का स्रोत पता करने के लिए कोई कदम उठाए हैं। शुक्रवार को फिर इस मामले में सुनवाई होगी।

    जजों के सामने पेश क‍िया चाइनीज लहसुन

    यह आदेश जस्टिस राजन राय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। सुनवाई के दौरान याची ने लखनऊ के चिनहट बाजार से खरीदा आधा किलोग्राम चाइनीज लहसुन भी जजों के सामने पेश किया।

    प्रत‍िबंध के बावजूद बाजार में बि‍क रहा चाइनीज लहसुन

    याची की ओर से कहा गया कि चीन का लहसुन 2014 से ही देश में प्रतिबंधित है किंतु अब तस्करी के जरिये मार्केट में आ रहा है। कहा गया कि उक्त चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि वह सेहत के लिए हानिकारक है। वजह यह कि उसमें कीटनाशकों का उच्चस्तर पर प्रयेाग होता है। उसके फंगसयुक्त होने का भी डर होता है। इसलिए प्रतिबंध लगा है, लेकिन देशी लहसुन से काफी सस्ता होने की वजह से यह चाइनीज लहसुन अवैध तरीके से बाजार में उतारा जा रहा है, जिस पर केंद्र व राज्य सरकार लगाम लगाने में असमर्थ दिख रहीं हैं। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मसले पर गंभीर रुख अपनाते हुए केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब कर लिया है।

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