अयोध्या में 18 मार्च से अखिल भारतीय शास्त्रीय स्पर्धा होगी आयोजित, 28 राज्यों के मेधावी अपनी क्षमता का करेंगे प्रदर्शन
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के निदेशक डा. सर्व नारायण झा ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य स्थल श्री मणिरामदास छावनी सभागार तय किया गया है। शास्त्रार्थ श्रीराम मंदिर परिसर में कराने का प्रयास किया जा रहा है। शास्त्रार्थ व स्पर्धा के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीनिवास वरखेड़ी व देशभर विभिन्न स्थलों से 95 निर्णायक व विशिष्ट अतिथि अयोध्या जी में उपस्थित रहेंगे।

महेन्द्र पाण्डेय, लखनऊ। प्राचीन काल से संस्कृत विद्यालयों, गुरुकुलों व कलाशालाओं के विद्यार्थी शास्त्रों को कंठस्थ करने के साथ शास्त्रार्थ कर भारतीय ज्ञान परंपरा को समृद्ध भी करते रहे हैं। इस परंपरा को जीवंत रखने के साथ ही शास्त्र के संरक्षण के लिए देशभर के संस्कृत मेधावी अयोध्या में अपनी विद्वता का प्रदर्शन में करने जा रहे हैं। वे 18 मार्च से शुरू होने वाली अखिल भारतीय शास्त्रीय स्पर्धा में शामिल होंगे और चार दिनों तक शास्त्रार्थ कर अपने ज्ञान का लोहा मनवाएंगे।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से अयोध्या में 18 से 21 मार्च तक अखिल भारतीय शास्त्रीय स्पर्धा कराई जाएगी। विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर की निगरानी में होने वाली इस स्पर्धा 28 राज्यों के 500-600 प्रतिभागी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर के निदेशक डा. सर्व नारायण झा ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य स्थल श्री मणिरामदास छावनी सभागार तय किया गया है। शास्त्रार्थ श्रीराम मंदिर परिसर में कराने का प्रयास किया जा रहा है। शास्त्रार्थ व स्पर्धा के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीनिवास वरखेड़ी व देशभर विभिन्न स्थलों से 95 निर्णायक व विशिष्ट अतिथि अयोध्या जी में उपस्थित रहेंगे।
राजस्थान से सर्वाधिक 33 विद्यार्थी
अखिल भारतीय शास्त्रीय स्पर्धा व शास्त्रार्थ में राजस्थान से सर्वाधिक 33 विद्यार्थी शामिल होंगे। गुजरात से 32, तलिनाडु-पुदुचेरी से 29, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना से 28, ओडिशा व जम्मू-कश्मीर से 27-27, उत्तर प्रदेश से 26, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ से 25 विद्यार्थी आ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश व केरल से 23-23, महाराष्ट्र से 22, बंगाल से 21, बिहार-झारखंड, उत्तराखंड व दिल्ली से 20-20, त्रिपुरा से 19, हरियाणा-पंजाब से 17, असम, मणिपुर व नगालैंड से 14, गोवा के आठ मेधावी हैं। इनके साथ 25 पुरुष व आठ महिला मार्गदर्शक भी स्पर्धा में शामिल होंगे।
शास्त्रार्थ व स्पर्धा के विषयशास्त्रार्थ व शास्त्रीय स्पर्धा में साहित्यभाषण, व्याकरणभाषण, धर्मशास्त्रभाषण, वेदांतभाषण, न्यायभाषण, ज्योतिषभाषण, मीमांसाभाषण, जैन-बौद्धभाषण, सांख्ययोगभाषण, वेदभाष्यभाषण, आयुर्वेदभाषण, भारतीय विज्ञानभाषण के साथ ही अर्थशास्त्रश्लाका, वेदांतश्लाका, न्यायश्लाका, व्याकरणश्लाका, ज्योतिषश्लाका, मीमांसाश्लाका, पुराणेहितास श्लाका, साहित्यश्लाका, काव्य श्लाका, भारतीय गणितश्लाका पर विचार व्यक्त किए जाएंगे।
इस दौरान अष्टाध्यायी, अमरकोष, धातुरूप, काव्य, भगवद्गीता और सुभाषित कंठपाठ भी किया जाएगा।

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