Bharat Bandh Today: कृषि कानून के विरोध में किसानों के भारत बंद को लेकर यूपी में अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर कड़ी नजर
Bharat Bandh Today कृषि कानून के विरोध में सोमवार को भारत बंद की घोषणा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। रेलवे स्टेशन बस अड्डा समेत अन्य सभी प्रमुख स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कृषि कानून के विरोध में सोमवार को भारत बंद की घोषणा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डा समेत अन्य सभी प्रमुख स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। संवेदनशील स्थानों पर कानून-व्यवस्था ड्यूटी के लिए 28 कंपनी अतिरिक्त पीएसी भी मुस्तैद की गई है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था किए जाने को कहा गया है, जिससे कहीं शांति न बिगड़े। साथ ही पुलिस अधिकारियों को किसान नेताओं से निरंतर संवाद बनाए रखने को भी कहा गया है। कहा गया है कि सभी जगह वीडियोग्राफी कराई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों के आंदोलन के चलते कहीं आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यातायात व्यवस्था बाधित न हो। किसी प्रकार की गड़बड़ी करने वाले शरारती तत्वों से पूरी सख्ती से निपटे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
भारत बंद को सपा-बसपा का समर्थन : कृषि कानून के विरोध में भारत बंद की घोषणा का सपा व बसपा ने समर्थन किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इसकी वापसी की मांग को लेकर 10 माह से आंदोलित हैं और सोमवार को भारत बंद की घोषणा की है। भारत बंद के शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन है। साथ ही केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। वहीं समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कृषि कानून के विरोध में सोमवार को घोषित भारत बंद को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है। सपा ने भी केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है।
बता दें कि आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद का एलान किया है। भारत बंद को अनेक विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है। तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक सभी रास्तों पर किसान धरने पर बैठेंगे। भारतीय किसान यूनियन के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर काफी बड़ी संख्या में किसान पहले से ही मौजूद हैं। जिलों से किसान नहीं आएंगे। वे अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद के दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है। बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा। आंदोलनकारी किसानों को साफ हिदायत दी गई है कि एंबुलेंस के सायरन की आवाज को सुनते ही उसके लिए तुरंत रास्ता दिया जाएगा।