'कोडीन कफ सीरप मामले में संज्ञान लें प्रधानमंत्री', अखिलेश ने केंद्र सरकार से की कड़े कदम उठाने की मांग
अखिलेश यादव ने कोडीन कफ सीरप के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और केंद्र सरकार से सख्त कदम उठान ...और पढ़ें
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सपा प्रमुख ने केंद्र सरकार से की कड़े कदम उठाने की मांग
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नशीले कोडीन युक्त कफ सीरप मामले में प्रधानमंत्री से संज्ञान लेने की मांग की है। सपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में एक जिला एक माफिया का काला कारोबार खूब चल रहा है। कोडीन युक्त कफ सीरप के सिंडीकेट ने न केवल प्रदेश अपितु बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल से आगे नेपाल, बंगलादेश और दक्षिण अफ्रीका तक तस्करी का धंधा फैला रखा था। इस प्रतिबंधित सीरप ने तमाम मासूमों की जान ले ली।
आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जी के खासमखास कई लोग, कई अधिकारी भी इस मामले में शामिल बताए जाते हैं। प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र से मामला जुड़ा है, वहां अब तक 38 मुकदमे दर्ज हो चुके है। स्थानीय माफियाओं का नाम सामने आ रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्रीजी को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए और केंद्र सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
गुरुवार को जारी बयान में सपा प्रमुख ने कहा कि वाराणसी में सेंट्रल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की एक वर्ष पूर्व इसी कफ सीरप को पीने से मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी भारती सिंह ने शिकायत की, पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहां एक जाति विशेष के माफिया वहां काला धंधा कर रहे हैं और यह पूर्वांचल में बड़ों की शह पर फलफूल रहा था।
सपा प्रमुख ने भाजपा में गुटबाजी का भी तंज किया। कहा कि सीरप कांड में अब ईडी की एंट्री से स्पष्ट है कि देश के दूसरे नंबर के कद्दावर सत्ताधारी भी इस पर नजर लगाए हैं। चर्चा है कि वाराणसी के पड़ोसी जिले के बाहुबली को वह पसंद नहीं करते। सपा प्रमुख ने कहा कि अभी तक की पड़ताल में जो बातें छनकर आ रही हैं उसमे यह है कि बाहुबली के एक धंधे में, कोडीन धंधे का सरगना शुभम उनके रिश्तेदारों के साथ साझेदारी में था और उसने 84 करोड़ रूपये लगाए है।
वही वाराणसी के एक बाहुबली का एक शागिर्द भी एक धंधे के नाम पर करोड़ो लेकर बैठ गया है। शुभम के धंधे में उसे प्रोटेक्शन देने के नाम पर सत्ताधारी उससे महंगे गिफ्ट और लाखों महीना लेते थे। यदि जांच बिना तेरा-मेरा किए सीबीआई के जरिये हुई तो कई सफेद कालर वालों के चेहरे काले पड़ जाएंगे।

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