'रोटी और दूध पर GST है, यह जानने के लिए सरकार को 9 साल लगे', अखिलेश यादव ने फिर भाजपा को घेरा
लखनऊ में अखिलेश यादव ने जीएसटी कटौती पर भाजपा की आलोचना की और जाति-आधारित भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने योगी सरकार के जाति न लिखने के आदेश पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि भाजपा शासन में जातिवाद व्याप्त है। उन्होंने आजम खान की रिहाई पर खुशी जताई और न्यायपालिका में विश्वास व्यक्त किया। अखिलेश यादव ने लखनऊ समाचार में जातिगत भेदभाव खत्म करने की उम्मीद जताई।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। कई उत्पादों से जीएसटी घटाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को नौ से दस साल लग गए यह जानने के लिए कि रोटी और दूध पर भी जीएसटी है। मुनाफे से महंगाई बढ़ी है। गरीबों पर जीएसटी लगाने का सरकार को दुख होना चाहिए, लेकिन यह लोग प्रचार और भावनाओं के माध्यम से सरकार चला रहे हैं।
जनपथ मार्केट में एक कपड़े की दुकान के उद्ाटन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने एफआइआर, अरेस्ट मेमो व अन्य सरकारी दस्तावेजों में व्यक्ति की जाति न लिखने के योगी सरकार के आदेश पर भी सवाल उठाए। कहा कि इस सरकार में थाना, चौकियों से लेकर हर जगह जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव हुआ है।
भाजपा सरकार में जाति के आधार पर पोस्टिंग होती है। गोरखपुर में सबसे ज्यादा पोस्टिंग एक ही जाति के लोगों को मिली। यूपी एसटीएफ की पोस्टिंग में भी जाति सर्वोपरि है। मुख्यालय के ठेके भी एक ही जाति के लोगों को मिले हुए है। जाति को लेकर जब कोर्ट का फैसला आया है तब सरकार जागी है। ये लोग बताएं कि पांच हजार सालों से जो भेदभाव हुआ है उसे कैसे दूर करेंगे ?
हमें उम्मीद है कि भविष्य में कोर्ट जाति खत्म करने और जातीय भेदभाव खत्म करने के बारे में रास्ता बताएगा। जिससे कोई जाति के आधार पर किसी का घर-मकान गंगा जल से न धुलवा पाए। कोई जातीय भेदभाव के आधार पर मंदिर न धोने पाए।
उम्मीद है ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिन्होंने गंगा जल से किसी का घर, मुख्यमंत्री आवास धोया और मंदिर धोया है। राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां की जेल से रिहाई पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम समाजवादियों को भरोसा था कि कोर्ट उनके साथ न्याय करेगा। आने वाले समय में आजम खां साहब पर लगे मुकदमे खत्म होंगे।
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