'अफवाह न फैलाएं...', अखिलेश को DGP का करारा जवाब, बोले- जाति के आधार पर पोस्टिंग नहीं होती
डीजीपी प्रशांत कुमार ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के पुलिस में जातिगत पोस्टिंग के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस में भर्तियां निर्धारित मानकों के अनुसार निष्पक्ष तरीके से की जाती हैं। अखिलेश को डीजीपी की नसीहत दी गई है कि वे अफवाह न फैलाएं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। डीजीपी प्रशांत कुमार ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पुलिस में जातिगत पोस्टिंग के आरोप को पूरी तरह से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस में जातिगत पोस्टिंग को लेकर सपा अध्यक्ष के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग ऐसी भ्रामक टिप्पणियों से बचें। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर फैलाई जा रही ऐसी सूचनाओं का खंडन संबंधित जिलों की पुलिस पहले ही कर चुकी है। यदि भविष्य में ऐसी कोई गलत सूचना फैलाई जाती है, तो हम उसकी सच्चाई सामने लाएंगे। प्रदेश में पुलिसकर्मियों की तैनाती निर्धारित मानकों के अनुरूप ही की गई है।
निष्पक्ष प्रक्रिया से की जाती है भर्ती
उन्होंने बताया कि आगरा में 39 प्रतिशत ओबीसी और 18 प्रतिशत एससी वर्ग के पुलिसकर्मी तैनात हैं, जबकि ओबीसी के लिए मानक केवल 27 प्रतिशत है। मैनपुरी में 31 प्रतिशत ओबीसी और 19 प्रतिशत एससी वर्ग के पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।
वहीं, चित्रकूट में 12 थानों में से तीन पर ओबीसी, दो पर एससी व एसटी और सात पर अन्य वर्ग के थानाध्यक्ष तैनात हैं। प्रयागराज में तैनात लगभग 40 प्रतिशत थाना प्रभारी ओबीसी और एससी व एसटी वर्ग से हैं। इन पदों पर नियुक्ति एक निष्पक्ष प्रक्रिया के द्वारा की जाती है।
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