UP Politics: अखिलेश ने ChatGPT से पूछ लिया RSS से जुड़ा ये सवाल, फिर बोले- 'अब यह भी बैन होगा'
लखनऊ में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव ने आरएसएस पर हमला बोला। उन्होंने चैट जीपीटी के हवाले से कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में प्रतिबंध लगाया था। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिलेश के बयान को कृत्रिम बताते हुए कहा कि सपा राष्ट्रवाद विरोधी है और घुसपैठियों को बचाने का प्रयास कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर बड़ा हमला बोला। प्रतिबंध से जुड़े प्रश्न पर सपा प्रमुख ने चैट जीपीटी से सवाल किया और उसके उत्तर के सहारे कहा कि सरदार पटेल ने सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा की मूल पार्टी आरएसएस है। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। सरदार पटेल ने देश की सीमाओं को बढ़ाया था। भाजपा सरकार बताए की 2014 में भारत का क्षेत्रफल कितना था और अब क्षेत्रफल कितना बचा है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आरएसएस पर प्रतिबंध वाले बयान के सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा कि आप चैट जीपीटी से पूछ लीजिए। फिर कहा कि मैं चैट जीपीटी निकालकर पढ़ लेता हूं। इसके बाद उन्होंने मोबाइल फोन लेकर सवाल किया, ‘वाई आरएसएस बैन?’
फिर जवाब पढ़ते हुए कहा कि तीन बार आरएसएस बैन हुआ। सरदार पटेल ने आरएसएस और हिंदू महासभा को बैन किया था। उन पर महात्मा गांधी की हत्या की साजिश रचने और सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप लगे थे। आरएसएस आज भी सांप्रदायिकता फैला रहा है। यह मैं नहीं, चैट जीपीटी कह रहा है। अब चैट जीपीटी भी बैन होगा।
चैट जीपीटी जैसी कृत्रिम है अखिलेश की राजनीति: ब्रजेश पाठक
सपा प्रमुख के बयान पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति अब इतनी कृत्रिम हो गई है, मानो चैट जीपीटी से बनी हो। उनके पास न विजन है, न जमीन और न ही जज्बा। वो अब सिर्फ कापी-पेस्ट की राजनीति कर रहे हैं। आरएसएस को बैन करने बात सिर्फ वही कर सकता है, जिसे भारत की एकता और सनातन संस्कृति से भय हो।
सपा प्रमुख के बयान पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव को देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। आरएसएस ने अपनी स्थापना के बाद से राष्ट्रवाद को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है और आज वह दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है। सपा मुखिया प्रदेश में एसआइआर को लेकर डरे हुए हैं।
प्रदेश में घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू होते ही उनकी बेचैनी बढ़ गई है। जाति का कार्ड खेलकर घुसपैठियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी मानसिकता पीएफआइ और सिमी का समर्थन करती है। वर्ष 2013 में जब प्रदेश में सपा की सरकार थी, तब सात जिलों में आतंकवाद से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए गए थे।
सपा का इतिहास गवाह है कि उसे आतंकवाद से नहीं बल्कि राष्ट्रवाद से डर लगता है। दीयों और दीपावली पर अखिलेश यादव ने जो बयान दिया था, लोग उसे भूले नहीं हैं।

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