बर्बाद कर दी प्रदेश की कानून व्यवस्था… अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लगाया आरोप- लगातार बढ़ रहे अपराध
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और प्रदेश में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है और पुलिस का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। प्रदेश अपहरण प्रदेश बन गया है। हत्या, लूट अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। साइबर क्राइम भी फल फूल रहा है। लोगों में डर और दहशत का माहौल है।
सपा मुखिया ने रविवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश में अपराधी अपहरण और फिरौती का व्यापार कर रहे हैं। सरकार कानून व्यवस्था को सुधारने के बजाय खुद अपराधियों को संरक्षण दे रही है। दंगा फसाद को बढ़ावा दे रही है। सत्ता के दुरुपयोग में पुलिस का इस्तेमाल कर रही है। राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करा रही है।
अखिलेश ने कहा कि हर दिन लोग साइबर ठगी के भी शिकार हो रहे हैं। सरकार डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से अक्षम है, अपराधी नए-नए तरीकों से तमाम लोगों को लूट रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
भाजपा सरकार में सब कुछ असुरक्षित है। भाजपा सरकार लोगों की समस्याओं को हल करने के बजाय समाज में नफरत फैलाने, भाईचारा और सौहार्द को खत्म करने में लगी हुई है।
निजीकरण के विरोध में बिजली उपभोक्ताओं को जागरूक करेंगे कर्मचारी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति बिजली निजीकरण के विरोध में उपभोक्ताओं को जागरूक करेगी। साथ ही 17 व 22 दिसंबर को आगरा तथा लखनऊ में होने वाली बिजली पंचायत में निजीकरण का विरोध करने की तैयारी भी समिति ने शुरू कर दी है।
समिति ने बिजली कर्मियों से अपील की है कि 15 दिसंबर से शुरू हुए ओटीएस (एक मुश्त समाधान) अभियान को सफल बनाने में पूरी तरह जुट जाएं। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 19 दिसंबर से काकोरी के बलिदानियों के दिवस के अवसर पर होने वाले 'शहीदों के सपनों का भारत बनाओ-बिजली का निजीकरण हटाओ' अभियान की रणनीति भी तैयार की।
अभियान के तहत 27 लाख बिजलीकर्मी सभी राज्यों व जिलों एवं परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में ऊर्जा निगम के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 में एटीएंडसी हानियां 25.26 प्रतिशत हैं, जबकि आरएफपी डाक्यूमेंट (दस्तावेज) में 49.32 प्रतिशत हानियां बताई गई है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय व महेन्द्र राय ने कहा कि 42 जिलों की बिजली आपूर्ति निजी हाथों में देने के लिए निजीकरण का विरोध करने पर कर्मचारियों को बर्खास्त करने की धमकी दे रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।