Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा का रिश्ता कॉरपोरेट जगत से : अखिलेश

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Mon, 01 May 2017 08:13 PM (IST)

    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें विकास को छोड़कर सांप्रदायिक मुद्दों को उभारने का प्रयास कर रही हैं। मुद्दाविहीन राजनीति जनविरोधी होती है।

    Hero Image
    भाजपा का रिश्ता कॉरपोरेट जगत से : अखिलेश

    लखनऊ (जेएनएन)। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें विकास को छोड़कर सांप्रदायिक मुद्दों को उभारने का प्रयास कर रही हैं। मुद्दाविहीन राजनीति जनविरोधी होती है। यह सरकारें कॉरपोरेट घरानों से रिश्ते रखती हैं, इसलिए गरीबों की भलाई नहीं कर सकतीं। आरएसएस व भाजपा छलबल से सत्ता हथियाना जानते हैं मगर धोखाधड़ी की राजनीति ज्यादा समय तक टिकने वाली नहीं है। वह सोमवार को प्रदेश कार्यालय पर पाल समाज के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार ने प्रदेश के विकास का बुनियादी ढांचा तैयार कर दिया है। सड़क, बिजली, कृषि व अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया मगर भाजपा का ध्यान विकास के विस्तार पर नहीं है क्योंकि उसका मूल चरित्र सांप्रदायिक है। यह भी सोचना होगा कि यह लोग देश और लोकतंत्र को किस राह पर ले जा रहे हैं।
    अखिलेश ने कहा कि सपा पिछड़ों को आरक्षण की पक्षधर है। उसका इस वर्ग के साथ स्वाभाविक रिश्ता है। यह संबंध अटूट रहेगा। सपा ने जातिगत जनगणना की बात उठाई है ताकि आबादी के हिसाब से पिछड़े समाज के विकास केलिए हिस्सेदारी तय की जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके। कहा कि समाजवादी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ, जबकि भाजपा सरकार में अभी से हालात यह हो गए हैं कि राज्य में कानून का राज नहीं है। अराजकता का बोलबाला है।

    वक्ताओं ने कहा कि पाल समाज को सपा के राज में सम्मान मिला। सामाजिक न्याय के संघर्ष के लिए वह सपा के साथ ही रहेगा। भाजपा सरकार सपा सरकार के कामकाज व योजनाओं को अपना बताने का प्रयास कर रही है। बैठक को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, प्रदेश सचिव एसआरएस यादव व अरविंद कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। श्यामलाल पाल ने संचालन किया। पूर्व मंत्री विजय बहादुर पाल, जानकी पाल, अयोध्या प्रसाद पाल, मुन्ना पाल, राकेश पाल, विनय पाल, दीप सिंह पाल, डॉ. परशुराम पाल भी मौजूद थे।