मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: राहुल गांधी, अखिलेश, ओवैसी, जयंत ने Yogi सरकार को घेरा, कहा-ये BJP का फैलाया केरोसिन
Muzaffarnagar School students Slap Case इंटरनेट मीडिया पर शुक्रवार को तेजी वायरल हुए एक वीडियो में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक निजी स्कूल की एक महिला स्कूल शिक्षक कथित तौर पर छात्रों से अपने सहपाठी आठ वर्षीय मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने का आग्रह करती नजर आ रही है। इस थप्पड़ कांड के बाद यूपी की सियासत गर्मा गई है।

लखनऊ, जेएनएन। Muzaffarnagar School Case मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड की गूंज ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। राहुल गांधी से लेकर जयंत चौधरी तक इस वीडियो ट्वीट कर रहे हैं। घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। सुबह तक इस मामले में कोई कार्रवाई या एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र की पिटाई के प्रकरण का वीडियो वायरल होने के बाद अफसर हरकत में आये। वहीं इस वीडियो में जो टीचर नजर आ रही हैं उन्होंने कहा कि मैं अपनी गलती मानती हूं। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिये था। लेकिन अब बात को बढ़ाने जी जरूरत नहीं है। इस बात को यहीं खत्म कर देना चाहिये।
स्कूल जैसे पवित्र स्थान को बनाया नफरत का बाजार- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का जहर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफरत का बाजार बनाना - एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं - उनको नफरत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बोला हमला
अखिलेश यादव ने नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र की पिटाई के प्रकरण में कहा कि मुजफ्फरनगर के एक वायरल वीडियो में एक टीचर एक अल्पसंख्यक बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवा रही है। इसमें वो दोहरे अपराध की दोषी हैं क्योंकि वो पिटवा भी रही है और दूसरे बच्चों को हिंसक भी बना रही है। भाजपा सरकार ये वीडियो G20 की मीटिंग में दिखाकर साबित करे कि उसका नफरती एजेंडा किस प्रकार तरह से सही है। ऐसी टीचर शिक्षक समाज पर धब्बा है, पूरे देश के शिक्षकों को उस टीचर को दंडित करने के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।
सपा ने कहा मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका की तुरंत बर्खास्त हो
समाजवादी पार्टी ने पोस्ट करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की नफरती राजनीति, देश को यहां ले आई है। मुजफ्फरनगर में एक अध्यापिका अल्पसंख्यक समाज के बच्चे को दूसरे बच्चे से थप्पड़ पड़वा रही है। सपा ने मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका की तुरंत बर्खास्तगी की मांग करने के साथ ही कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने की मांग की है।
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी बोले- ये वीडियो एक दर्दनाक चेतावनी
राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर स्कूल का वीडियो एक दर्दनाक चेतावनी है कि कैसे गहरी जड़ें जमा चुके धार्मिक विभाजन हाशिये पर पड़े अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा को भड़का सकते हैं। मुजफ्फरनगर के हमारे विधायक यह सुनिश्चित करेंगे कि यूपी पुलिस स्वत: मामला दर्ज करे और बच्चे की शिक्षा बाधित न हो।
स्कूल में छात्र की पिटाई के प्रकरण का मामला अब सियासी रुप ले चुका है। इस मामले में सांसद असदुद्दीन ओवैसी राज्यसभा सदस्य व शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी छात्र के पिता से फोन पर वार्ता की है। सभी राजनीतिक लोगों ने उन्हें न्याय दिलाने में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का भरोसा दिया। मीरापुर से विधायक चंदन चौहान ने गांव पहुंचकर पीड़ित बच्चे से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उसके पिता को भी न्याय दिलाने का आश्वासन दिया विधायक ने कहा कि इस प्रकरण में रालोद आपके साथ खड़ी है।
क्या बोले सांसद असदुद्दीन ओवैसी
मुजफ्फरनगर का वीडियो जिसमें एक शिक्षिका अपने छात्रों से एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कह रही है, पिछले 9 वर्षों का उत्पाद है। छोटे बच्चों के दिमाग में यह संदेश डाला जा रहा है कि कोई भी किसी मुस्लिम को बिना किसी परिणाम के पीट सकता है और अपमानित कर सकता है। बच्चे के पिता ने अपने बच्चे को स्कूल से निकाल लिया है और लिखित में दिया है कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और इसके बजाय इससे "माहौल" खराब हो सकता है। ये कौन लोग हैं जो अपने बच्चे के लिए न्याय मांग रहे एक पिता पर माहौल को "खराब" करेंगे? यह एक अभियोग है
असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिखते हुए कहा कि नियम यह है कि लोगों को उचित प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। इस बात की अधिक संभावना है कि शिक्षक को दंडित होने के बजाय कोई सरकारी पुरस्कार मिलेगा। ओवैसी ने सीएम योगी पर हमलावर होते हुए कहा कि बुलडोजर और "ठोक दो" का क्या हुआ?
ओवैसी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत का नाम लेते हुए कहा कि अन्यथा वे स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने में तत्पर रहते हैं लेकिन यहां उन्होंने कुछ नहीं किया है। कथित तौर पर, एनसीपीसीआर न्याय सुनिश्चित करने के बजाय वीडियो के वायरल होने को लेकर अधिक चिंतित है।
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