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'साइकिल' जीतने के बाद पिता मुलायम से आशीर्वाद लेने पहुंचे अखिलेश यादव

साइकिल पर विजय के जश्न के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव का आर्शवाद लेने उनके आवास पहुंचे। मुलायम से अखिलेश तक टाइम लाइन के साथ।

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 10:44 PM (IST)
'साइकिल' जीतने के बाद पिता मुलायम से आशीर्वाद लेने पहुंचे अखिलेश यादव
'साइकिल' जीतने के बाद पिता मुलायम से आशीर्वाद लेने पहुंचे अखिलेश यादव

लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी में चले रहे घमासान के बीच आखिरकार साइकिल बेटे को ही मिली। चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बना दिया गया है। इसके साथ ही लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास के बाहर जश्न मनाया जा रहा है जबकि इस फैसले के बाद अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव का आर्शवाद लेने उनके आवास पहुंचे।

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उत्तर प्रदेश में चुनाव से ठीक से पहले समाजवादी पार्टी के सियासी ड्रामे का आखिरीकार अंत हो गया। घर से शुरू हुआ विवाद सड़क तक आया और बात नहीं बनी तो मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया। ठीक चुनाव के पहले चरण के अधिसूचना से एक दिन पर सोमवार की शाम को चुनाव आयोग ने सपा का अधिकार अखिलेश यादव को बना दिया है। अब अखिलेश यादव गुट की सपा होगी।फैसला आने के साथ ही प्रदेश में चल रही मुलायम सिंह यादव के प्रत्याशियों के चेहरे का रंग उड़ गया। वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने जो अपनी सूची जारी की थी उसके प्रत्याशी आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनाव आयोग द्वारा साइकिल निशान मिलने पर फैजाबाद में भी सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर पटाखे दाग कर खुशी जताई। इस दौरान सपाइयों ने एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले पवन पांडे ने साइकिल निशान मिलने पर अखिलेश यादव को बधाई देते हुए यह भरोसा दिलाया कि 2017 के चुनाव में अखिलेश यादव फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। पवन पांडे ने कहा कि प्रदेश की जनता कार्यकर्ता और सपा नेता अखिलेश यादव के साथ हैं और प्रदेश की जनता अखिलेश यादव को दुआएं दे रही है और इस बार भी जनता जनाधार देगी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री बनेंगे। चुनाव आयोग का फैसला आते ही सपाइयो में खुशी की लहर दौड़ गई और पार्टी कार्यालय पर जमकर आतिशबाजी की गयी।

टाइम लाइन-मुलायम से अखिलेश तक

  • 21 जून, 2016 : शिवपाल यादव ने माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल (कौएद) का सपा में विलय का एलान किया।
  • 22 जून, 2016: नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश ने कौएद के विलय में महत्वूर्ण भूमिका निभाने वाले बलराम यादव को मंत्रिमंडल से निकाला।
  • 25 जून, 2016: अखिलेश की नाराजगी के बाद संसदीय बोर्ड की बैठक हुई और कौएद का विलय रद।
  • 14 अगस्त, 2016: शिवपाल ने कहा अफसर बात नहीं सुनते, जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं। माफिया पर कार्रवाई नहीं हुई तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे।
  • 15 अगस्त, 2016 : मुलायम ने कहा अगर शिवपाल इस्तीफा देंगे तो पार्टी की ऐसी-तैसी होगी।
  • 12 सितंबर, 2016: अखिलेश ने भ्रष्टाचार के आरोप में गायत्री प्रजापति और राजकिशोर को मंत्रिमंडल से निकाला।
  • 13 सितंबर, 2016: अखिलेश ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाया।
  • 13 सितंबर, 2016: मुलायम ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के स्थान पर शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
  • 13 सितंबर, 2016 : मुख्यमंत्री अखिलेश ने चाचा शिवपाल से तीन मंत्रालय छीन लिए।
  • 14 सितंबर, 2016 : अखिलेश ने कहा, झगड़ा परिवार का नहीं सरकार का।
  • 14 सितंबर, 2016: अखिलेश ने कहा- कलह की वजह बाहरी लोगों का दखल, इशारा अमर सिंह की ओर था।
  • 15 सितंबर, 2016: शिवपाल यादव ने सभी पदों से इस्तीफा भेजा, इस्तीफा वापस हुआ।
  • 23 अक्टूबर, 2016: मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया।
  • 23 अक्टबूर, 2016 : मुलायम ने राम गोपाल को पार्टी से निकाला।
  • 27 दिसंबर, 2016: शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची जारी की।
  • 29 दिसंबर, 2016: अखिलेश यादव ने 235 प्रत्याशियों की अपनी सूची जारी की।
  • एक जनवरी, 2017: विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
  • एक जनवरी, 2017: मुलायम सिंह ने रामगोपाल यादव, किरन मय नंदा, नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाला।
  • 2 जनवरी, 2017: मामला चुनाव आयोग पहुंचा।
  • 16 जनवरी, 2017: चुनाव आयोग ने साइकिल निशान व पार्टी पर अखिलेश यादव का अधिकार बताया।

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