Air Pollution: यूपी के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने माना सिर्फ सरकार नहीं सुधार सकती वायु प्रदूषण
Air Pollution Big Problem: वन मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण सीमाओं को नहीं देखता है। इसके लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। गाड़ियों का इस्तेमाल में भी कमी लानी होगी। कूड़ा-कचरा न जलाया जाए इस पर भी विशेष ध्यान देना होगा। बिजली की जितनी जरूरत है उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ.अरुण कुमार सक्सेना ने गुरुवार को कहा कि स्वच्छ हवा यदि रहेगी तो हर आदमी की पांच वर्ष उम्र बढ़ जाएगी। वायु प्रदूषण केवल सरकार से ठीक नहीं होगा इसके लिए सभी को जुटना होगा। वन मंत्री ने गुरुवार को लखनऊ में एक कार्यशाला को संबोधित किया।
वन मंत्री डॉ. सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के हर शहर और हर गांव को वायु प्रदूषण से बचाना और हम सबको मिलकर ही इसमें ही सुधार करना होगा। हमको भी आम आदमी का सहयोग लेना होगा, क्योंकि वायु प्रदूषण को सीमाओं में बांटा नहीं जा सकता है। सभी भी इसके लिए जागरूक करना होगा। हम सभी को अपनी आदतों में भी सुधार लाना होगा।
आठ देशों के सहयोग से बने संस्थान 'इंटरनेशनल सेंटर फार इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट' काठमांडू, नेपाल ने राजधानी लखनऊ के हिल्टन होटल में आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के क्रियान्वयन और निगरानी पर चर्चा की गई। इसमें भारत और नेपाल से करीब 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ वायु प्रबंधन के भारतीय अनुभवों को साझा करने के साथ ही तकनीकी क्षमता विकसित करना और नगर स्तर पर ठोस कार्ययोजना तैयार करना है।
उद्घाटन समारोह में वन मंत्री डॉ.अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि वायु प्रदूषण सीमाओं को नहीं देखता है। इसके लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। गाड़ियों का इस्तेमाल में भी कमी लानी होगी। कूड़ा-कचरा न जलाया जाए इस पर भी विशेष ध्यान देना होगा। बिजली की जितनी जरूरत है उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए। बिजली बनाने में काफी कोयला जलाना पड़ता है। यह भी प्रदूषण का मुख्य कारण है।
वन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने कहा कि प्रदेश में स्वच्छ वायु प्रदूषण कार्यक्रम के अच्छे परिणाम मिले हैं। प्रदेश के 17 शहर जो राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते थे उनमें यह अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत केवल खुर्जा व मेरठ को छोड़कर बाकी सभी 15 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।
विश्व बैंक की सहायता से पांच हजार करोड़ रुपये क्लीन एयर मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया है। इससे भी प्रदेश के शहरों की स्थिति में और सुधार आएगा। अंतरराज्यीय समन्वय कैसे बेहतर बनाया जाए इस पर और ध्यान देना होगा। आठ वर्ष में सरकार ने 242 करोड़ पौधे लगाए हैं, इसका भी असर वायु गुणवत्ता पर आने वाले समय में और अच्छा दिखेगा।
संस्थान के एयर पाल्यूशन मिटिगेशन के एक्शन एरिया लीड आशीष तिवारी ने कहा कि वायु प्रदूषण सीमाओं में बंधा नहीं है, यह क्षेत्रीय समस्या है। भारत-नेपाल के बीच यह पहल दक्षिण एशिया में सहयोग की नई शुरुआत है। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी, नगर विकास विभाग के विशेष सचिव अरुण प्रकाश व संस्थान के पार्थ सारथी महापात्रा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।