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    एआई और चैट जीपीटी से फोटो एडिट कर सॉल्वर गैंग चला रहे सहायक बैंक मैनेजर समेत दस गिरफ्तार

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 04:50 AM (IST)

    लखनऊ में एआइ और चैट जीपीटी से फोटो एडिट करके आइबीपीएस परीक्षा में साल्वर बैठाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। बिजनौर पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें एक बैंक मैनेजर भी शामिल है। यह गिरोह एक अभ्यर्थी से 5.20 लाख रुपये लेता था और फेस मिक्सिंग तकनीक का इस्तेमाल करता था। पुलिस ने उनके पास से नकदी और अन्य सामान भी बरामद किया है।

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    एआई और चैट जीपीटी से फोटो एडिट कर साल्वर गिरोह चला रहे सहायक बैंक मैनेजर समेत दस गिरफ्तार

    जागरण संवाददता, लखनऊ। एआई और चैट जीपीटी वाले फेस मिक्सिंग एप की मदद से फोटो एडिट कर आइबीपीएस परीक्षा में सॉल्वर बैठाने वाले गिरोह का पुलिस ने राजफाश किया है। जालसाज एक अभ्यर्थी को परीक्षा में पास कराने के लिए 5.20 लाख रुपये लेते थे।

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    इसमें सरगना से लेकर सॉल्वर तक का हिस्सा तय था। बिजनौर थाने की पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 1.53 लाख रुपये, 16 मोबाइल फोन, लैपटाप, फोटो पहचान पत्र समेत तमाम अन्य सामान बरामद किया है।

    पुलिस उपायुक्त दक्षिण निपुण अग्रवाल के मुताबिक पांच अक्टूबर को बिजनौर के बीआर परीक्षा केंद्र के संचालक शैलेन्द्र बाजपेयी ने बताया की उन्हें बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आइबीपीएस) की ओर से मेल से सूचना दी गई है कि एक संदिग्ध व्यक्ति कई वर्षों से पांच अलग-अलग फोटो लगाकर परीक्षा के लिए आवेदन कर रहा है।

    इस पर बिजनौर पुलिस ने बिहार के गया स्थित गाफाकला गांव निवासी संदिग्ध अभिषेक कुमार से पूछताछ शुरू की। पहले वह पुलिस को टरकाने का प्रयास करने लगा फिर अपने ही जवाब में फंस गया। पूछताछ में उसने बताया कि गौरव आदित्य नाम के व्यक्ति की जगह वह परीक्षा देने पहुंचा था।

    इस आधार पर शैलेंद्र बाजपेयी की तहरीर पर बिजनौर थाने में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर बिहार के जहानाबाद स्थित भरथुआ निवासी सरगना आनंद कुमार को गिरफ्तार किया गया। वह वर्तमान में खबूपुरा में यूपी ग्रामीण बैंक में सहायक मैनेजर है। गिरोह का संचालन भी वही करता है।

    सरगना के साथ यह लोग हुए गिरफ्तार

    • पटना स्थित बाहरी बेलदारी टोला निवासी अभ्यर्थी गौरव आदित्य (अभ्यर्थी)
    • गया स्थित पथरौरा निवासी भागीरथ शर्मा (गिरोह का सदस्य)
    • लखीसराय के कछियाना का रहने वाला सुधांशु कुमार (गिरोह का सदस्य)
    • जहानाबाद के देवरिया का धनंजय कुमार (गिरोह का सदस्य)
    • जहानाबाद स्थित कंदौल का राजीव नयन पांडेय (राजीव नयन पांडेय)
    • गोपालगंज में फुलवरिया का मुकेश कुमार (सॉल्वर)
    • नालंदा का आशीष रंजन (गिरोह का सदस्य)
    • गया के गाफाकला का अभिषेक कुमार (सॉल्वर)
    • उत्तराखंड के चंपावत निवासी हर्ष जोशी (सॉल्वर)

    ऐसे काम करता था गिरोह

    पूछताछ में सामने आया कि सरगना आनंद लोगों को परीक्षाओं में बैठाता था। बिचौलिया रोहित अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए उन्हें गिरोह में लेकर आता था। गिरोह के लोग रेमिनी एआई, चैट जीपीटी, फोटो एप से फेस मिक्सिंग तकनीक का इस्तेमाल कर सॉल्वर और मूल अभ्यर्थी की दो फोटो मिलाकर उन्हें 70 प्रतिशत तक एक जैसा बना देते। इसके बाद कूट रचित आधार कार्ड बनाकर सॉल्वर को परीक्षा केंद्र भेजा जाता था। गिरोह के सदस्य बिहार के रोहित, योगेंद्र और शिवकुमार अब भी फरार हैं।

    नौकरी मिलने के बाद तक होती थी वसूली

    छानबीन में सामने आया कि प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले सॉल्वर को 20 हजार, मुख्य परीक्षा में बैठने वाले सॉल्वर को एक लाख और सरगना को दो लाख रुपये दिए जाते थे। नौकरी लगने के बाद दो लाख रुपये और लिए जाते थे।

    अफसर से लेकर छात्र तक शामिल

    गैंग का सरगना खुद बैंक का सहायक मैनेजर है। उसके अलावा सदस्य भागीरथ शर्मा ग्रामीण बैंक में क्लर्क, सॉल्वर सुधांशु यूको बैंक में स्केल वन अफसर, मुकेश इपीएफओ में क्लर्क है। हर्ष बीटेक छात्र, आशीष रंजन और अभिषेक बीएससी छात्र, धनंजय बीएड और गौरव स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।