बाघों की संख्या बढ़ी... जंगल घटे; मंत्री ने बताया- AI का उपयोग कर कैसे रोका जाएगा मानव-वन्यजीव संघर्ष?
लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए एआई के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बाघों की संख्या बढ़ी है जंगल कम हुए हैं इसलिए संघर्ष बढ़ा है। मंत्री ने शिकार पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए और ग्रामीणों को जागरूक करने की बात कही। राज्यमंत्री केपी मलिक ने बाघों के संरक्षण पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वन मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए अब हमें एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) का उपयोग करना होगा।
प्रदेश में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है जबकि जंगल कम हुए हैं। जंगल के पास बफर जोन खत्म हो गए हैं। घास के जंगल अब गन्ने के खेत में तब्दील हो गए हैं। इसलिए मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। प्रकृति का संतुलन बनाने में मानव और बाघ दोनों का सह अस्तित्व बहुत जरूरी है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए और कैमरे व सेंसर लगाने के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। मंत्री ने मानव-वन्यजीव संघर्ष में अच्छा काम करने वालों को सम्मानित भी किया।
लखनऊ चिड़ियाघर में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि बाघों की संख्या बढ़े और आदमी भी सुरक्षित रहें इसी दिशा में हमें आगे बढ़ना है। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि कहीं से भी शिकार की कोई घटना संज्ञान में आए तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
पेड़ों का अवैध कटान हर हाल में रोकना है। ग्रामीणों के बीच जागरूकता के कार्यक्रम और संचालित किए जाएं। राज्यमंत्री केपी मलिक ने भी बाघों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि मानव जीवन को भी हमें हर हाल में बचाना है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने कहा कि वन विभाग का अभी तक पूरा ध्यान सामाजिक वानिकी में रहता था किंतु अब हमें वन्यजीव क्षेत्र व सेंचुरी में भी विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं रोकने के लिए और ध्यान देना होगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने कहा कि विश्व के हर चार बाघ में से तीन भारत के हैं। उन्होंने कहा कि हमारे 30 प्रतिशत बाघ जंगल के बाहर खासकर गन्ने के खेत आदि में रहते हैं।
इन्हें शिकारियों से बचाना व मानव वन्यजीव संघर्ष रोकना बहुत जरूरी है। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अनुराधा वेमुरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रोजेक्ट टाइगर ललित वर्मा सहित कई अन्य उपस्थित थे।
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