कृषि क्षेत्र के योगदान से लहलहाया उत्तर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद
Agriculture Sector has Major Role in UPGDP फसलों के जीवीए में सर्वाधिक वृद्धि दर वाले शीर्ष पांच जिलों में भदोही ने 32.55 प्रतिशत जालौन ने 30.49 प्रतिशत कानपुर देहात ने 30.11 प्रतिशत रायबरेली ने 30.05 प्रतिशत और एवं झांसी ने 28.65 प्रतिशत बढ़ोतरी प्राप्त की। फसलों का हिस्सा 3.96 लाख करोड़ रुपये रहा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में कृषि क्षेत्र बड़ा योगदान दे रहा है। नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद अनुमान जारी किए हैं। इन अनुमानों के अनुसार प्रदेश के प्राथमिक क्षेत्र, विशेषकर कृषि क्षेत्र में हुई वृद्धि ने राज्य की आर्थिक स्थिति को नई मजबूती दी है। 25.63 लाख करोड़ तक पहुंची जीएसडीपी में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 6.35 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कुल जीएसडीपी 27 प्रतिशत है। इसमें फसलों का हिस्सा 3.96 लाख करोड़ रुपये रहा है।
वर्ष 2023-24 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में फसल उपखंड का योगदान 16.8 प्रतिशत है और वर्ष 2022-23 के सापेक्ष इसके सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 13.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें लखीमपुर खीरी ने 15.5 हजार करोड़, सीतापुर ने 14.1 हजार करोड़, बाराबंकी ने 11.1 हजार करोड़, बिजनौर ने 10 हजार करोड़ और बदायूं ने 9.9 हजार करोड़ रुपये का योगदान दिया।
यह पांच जिले प्रदेश के कुल फसल के जीवीए में 15.3 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं। फसलों के जीवीए में सर्वाधिक वृद्धि दर वाले शीर्ष पांच जिलों में भदोही ने 32.55 प्रतिशत, जालौन ने 30.49 प्रतिशत, कानपुर देहात ने 30.11 प्रतिशत, रायबरेली ने 30.05 प्रतिशत और एवं झांसी ने 28.65 प्रतिशत बढ़ोतरी प्राप्त की। वहीं फसल खंड के जीवीए में कुल खाद्यान्न का 40.68 प्रतिशत, फल तथा सब्जियों का 22.58 प्रतिशत और गन्ने का 19.4 प्रतिशत योगदान रहा है।
सरकार के मुताबिक प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ गेहूं और गन्ना उत्पादन में देश में अग्रणी बना हुआ है। वर्ष 2023-24 में 6.68 करोड़ टन कुल खाद्यान्न और 3.97 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ, जो देश के कुल खाद्यान्न का 18.14 प्रतिशत और गेहूं उत्पादन का का 31.19 प्रतिशत रहा। 24.95 करोड़ टन गन्ना उत्पादन ने किसानों को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया। जबकि धान का 2.64 करोड़ टन उत्पादन हुआ, जो देश के कुल धान उत्पादन का 11.6 प्रतिशत रहा। वहीं आम के निर्यात में वर्ष 2022-23 की तुलना में 7.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
उत्तर प्रदेश खाद्यान्नों का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है। जिसमें गेहूं और चावल जैसे अनाजों के साथ-साथ गन्ना भी शामिल है, जो चीनी उद्योग का समर्थन करता है। बागवानी भी एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसमें आम और अमरूद विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाने में इनका रहा योगदान
खाद्यान्न उत्पादन में सर्वाधिक शाहजहांपुर ने 19.30 लाख टन, हरदोई ने 18.23 लाख टन, बदायूं ने 16.84 लाख टन, जौनपुर ने 14.96 लाख टन और अलीगढ़ ने 14.62 लाख टन का योगदान किया। जबकि खाद्यान्न के उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि दर वाले शीर्ष पांच जिलों में जालौन ने 35.14 प्रतिशत, बलरामपुर ने 34.35 प्रतिशत, कन्नौज ने 26.96 प्रतिशत, झासी ने 26.42 प्रतिशत और कानपुर देहात ने 24.80 प्रतिशत बढ़ोतरी हासिल की।
गन्ना उत्पादन में सर्वाधिक खीरी ने 3.21 करोड़ टन, बिजनौर ने 2.36 करोड़ टन, सीतापुर ने 1.89 करोड़ टन, मुजफ्फरनगर ने 1.67 करोड़ टन और मेरठ ने 1.45 करोड़ टन का योगदान दिया। उत्पादन में आजमगढ़ ने 53.5 प्रतिशत, मऊ ने 49.6 प्रतिशत, जौनपुर ने 33.7 प्रतिशत, रायबरेली ने 24.7 प्रतिशत और मथुरा ने 21.0 की वृद्धि दर्ज की।
आम उत्पादन में सर्वाधिक उन्नाव ने 6.53 लाख टन, लखनऊ ने 6.53 लाख टन, सहारनपुर ने 5.85 लाख टन, मेरठ ने 3.17 लाख टन और सीतापुर ने 3.14 लाख टन का योगदान दिया। वहीं उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि में चित्रकूट ने 45.4 प्रतिशत, हमीरपुर ने 45.1 प्रतिशत, जालौन ने 42.6 प्रतिशत, बांदा ने 28.8 प्रतिशत और ललितपुर ने 28 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की।
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