Move to Jagran APP

भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद इन दो मुद्दों को तत्काल करना होगा हल

UP Election Results 2022 इन नतीजों ने राज्यवार कुछ तस्वीरें साफ की हैं। भाजपा के लिए भी उत्तर प्रदेश में खाली होने जा रही सीटें बचाना आसान हो गया। बसपा की सदस्य संख्या तीन से घटकर एक रह जाएगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 14 Mar 2022 12:11 PM (IST)Updated: Mon, 14 Mar 2022 03:02 PM (IST)
भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद इन दो मुद्दों को तत्काल करना होगा हल
UP Election Results 2022: अगले पांच वर्ष में हर परिवार को उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार।

लखनऊ, आशुतोष शुक्ल। UP Election Results 2022 बड़ी जीत के बाद प्रदेश सरकार को दो बड़े प्रश्नों को अब तत्काल हल करना होगा क्योंकि 2024 बहुत दूर नहीं। पहला है लगभग 12 लाख बेसहारा गोवंश का मुद्दा जो अब छुट्टा नहीं है। वह अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस वादे से बंधा है, जो उन्होंने एक सभा में किया था कि इस समस्या का निदान दस मार्च के बाद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने समाधान भी सुझाया कि गोशालाओं में बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे। इससे जो पशु दुधारू नहीं, उनका गोबर बेचने से पशुपालकों को लाभ होगा।

loksabha election banner

हालांकि गोबर प्रबंधन आसान नहीं होगा। पुरानी पेंशन बहाली की मांग भी सिर उठाएगी। चुनाव परिणाम संकेत दे रहे हैं कि पुरानी पेंशन बहाल करने के सपाई वादे ने सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित किया है। तभी तो पोस्टल बैलेट से सपा को अधिक वोट मिले। राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय ले ही चुके हैं। भाजपा ने संकल्प लिया है कि अगले पांच वर्ष में हर परिवार को रोजगार-स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार के दावों के बावजूद बेरोजगारी का मुद्दा चुनाव में सिर उठाता रहा है। प्रति व्यक्तिआय को दोगुणा करने और गन्ना किसानों का भुगतान चौदह दिन में न होने पर ब्याज सहित भुगतान जैसे संकल्प भी चुनौतीपूर्ण हैं।

स्पष्ट रूप से दो खांचों में बंट गए हैं मतदाता मतदान से पहले से ही दिखने लगा था कि लड़ाई केवल भाजपा और सपा में रहेगी। भाजपा ने लगातार माफियावाद, गुंडागर्दी और समुदाय विशेष के तुष्टीकरण जैसे मसलों पर सपा को घेरे रखा। नतीजे भी बता रहे हैं कि मतदाताओं ने भी बसपा और कांग्रेस को नकारते हुए बस दो ही खेमे में स्पष्ट र्वोंटग की है। निसंदेह आगे के चुनावों में भी यह विभाजन बना रह सकता है।

सुरक्षा बहुत बड़ा मसला: चुनाव में बहुत से मतदाताओं का कहना था कि महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का हल कोई दल नहीं कर सकता है। इसलिए इनसे बड़ा मुद्दा सुरक्षा का है। उप्र की जनता का मानना था कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भाजपा की सत्ता में वापसी जरूरी है।

[राज्य संपादक, उत्तर प्रदेश]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.