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    यूपी: शहीद पथ और किसान पथ के बाद… लखनऊ को मिला एक और हाईवे, 250 किमी होगी लंबाई, जुड़ेंगे 5 जिले

    Updated: Mon, 01 Jan 2024 11:48 PM (IST)

    राज्य सरकार लखनऊ को उसके आसपास के पांच जिलों से जोड़ने के लिए छह लेन चौड़े और 250 किलोमीटर लंबे विज्ञान पथ का निर्माण करने की तैयारी कर रही है। विज्ञान पथ के जरिए प्रदेश की राजधानी को इसके उत्तर में हरदोई और सीतापुर पूर्व में बाराबंकी दक्षिण में रायबरेली और पश्चिम में उन्नाव जिले से जोड़ते हुए विकास को रफ्तार देने का प्रस्ताव है।

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    लखनऊ को आसपास के पांच जिलों से जोड़ेगा 250 किमी लंबा विज्ञान पथ।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सरकार लखनऊ को उसके आसपास के पांच जिलों से जोड़ने के लिए छह लेन चौड़े और 250 किलोमीटर लंबे विज्ञान पथ का निर्माण करने की तैयारी कर रही है। 

    विज्ञान पथ के जरिए प्रदेश की राजधानी को इसके उत्तर में हरदोई और सीतापुर, पूर्व में बाराबंकी, दक्षिण में रायबरेली और पश्चिम में उन्नाव जिले से जोड़ते हुए विकास को रफ्तार देने का प्रस्ताव है। विज्ञान पथ की परिकल्पना भी मुख्य रूप से लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को जोड़कर राज्य राजधानी परिक्षेत्र (एससीआर) के तहत विकसित करने के उद्देश्य से की जा रही है।

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    'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान' होगा साकार 

    इस महत्वाकांक्षी परियोजना के मूल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मंत्र ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ है, जिसे सड़कों के माध्यम से साकार कर सरकार लखनऊ को वैश्विक शहर के तौर पर विकसित करना चाहती है।

    अटल ने दिया था शहीद पथ का उपहार

    तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मई 1998 में पोखरण में हुए परमाणु विस्फोट के अवसर पर ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे में ‘जय विज्ञान’ जोड़ा था। प्रधानमंत्री और लखनऊ का सांसद रहते हुए उन्होंने लखनऊ को फैजाबाद रोड से कानपुर रोड तक 23 किलोमीटर लंबे शहीद पथ का उपहार दिया था जो कि बलिदानी जवानों को समर्पित था। इसके बाद लखनऊ के चारों ओर अन्नदाताओं को समर्पित 104 किलोमीटर लंबा किसान पथ बना। योगी सरकार अब इसी कड़ी में विज्ञान पथ का निर्माण करना चाहती है।

    इस परिकल्पना के तहत किसान पथ से लेकर प्रस्तावित विज्ञान पथ के बीच के क्षेत्र को 20 इंटरलॉकिंग रोड का निर्माण कराके 20 हिस्सों में बांटा जाएगा। इन हिस्सों में 20 अलग-अलग नोड विकसित किए जाएंगे। 

    लखनऊ बनेगा इंडस्ट्रियल हब 

    वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए सामाजिक, आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले क्षेत्र वर्गाकार हब के रूप में विकसित किए जाएंगे। इनके माध्यम से लखनऊ और आसपास के जिलों को इंडस्ट्रियल हब के रूप में सुनियोजित तरीके से विकसित करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। 

    वहीं, सनराइज क्षेत्रों से संबंधित उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित करने के रोडमैप को भी व्यावहारिक रूप प्रदान कर पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति देने का प्रयास होगा। 

    जल्द ही कदम उठाएगी योगी सरकार

    सरकार इस परियोजना के जरिये भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। फिलहाल, यह परिकल्पना वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और मुख्यमंत्री के प्रशासनिक सलाहकार अवनीश अवस्थी के सामने प्रस्तुत की जा चुकी है। 

    जाने माने लेखक और राजनीतिक विश्लेषक डॉ. शीलवंत सिंह ने विज्ञान पथ की परिकल्पना को हाल ही में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘योगी सरकार-वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी’ में विस्तार से परिभाषित भी किया है। माना जा रहा है कि योगी सरकार जल्द ही इस परिकल्पना को मूर्तरूप देने के लिए अहम कदम उठा सकती है।

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