Election: सर्वमान्य होने पर अखिलेश को मिला मुलायम का साथ
कांग्रेस से गठबंधन पर कुछ घंटों के अंदर फैसला होगा। इसके बाद मुलायम खेमे से भी अखिलेश यादव के साथ रहने का संकेत मिल रहा है।
लखनऊ (जेएनएन)। इमारत के कंगूरे कितने ही चमकदार हो जाएं नींव से अलग उनका अस्तित्व नहीं होता।बात राजनीतिको हो तो संभावनाएं व्यापक हो जाती है। बीते साल सितंबर से पिता-पुत्र के बीच शुरू लड़ाई का चार माह बाद परिणाम अखिलेश यादव के सर्वमान्य होने के रूप में सामने आया। अखिलेश ने कहा कि नेताजी (मुलायम) का चेहरा व मेरा काम सपा की पहचान है। कांग्रेस से गठबंधन पर कुछ घंटों के अंदर फैसला होगा। इसके बाद मुलायम खेमे से भी अखिलेश यादव के साथ रहने का संकेत मिल रहा है।
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आज सुबह से दोपहर तक मुलायम, अखिलेश, शिवपाल की दो चक्रों में बातचीत हुई। बताया गया कि इसमें मुलायम ने सबको मिलजुलकर चुनाव लडऩे का संदेश दिया। मुख्यमंत्री से कहा कि वह शिवपाल यादव को साथ लेकर चलें। सूत्रों का कहना है कि परिवार के तीनों सदस्यों के बीच विधानसभा चुनाव में महागठबंधन पर चर्चा हुई। फैसला लेने का अधिकार अखिलेश पर छोड़ा गया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान मुलायम ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश को 38 लोगों की एक सूची सौंपते हुए उन्हें टिकट देने की मांग की है। सूची में उन विधायकों के नाम भी हैं, जो परिवार की कलह के दौरान मुलायम सिंह के साथ खड़े थे। सूत्रों का कहना है कि परिवार के बीच बातचीत के बाद मुलायम सिंह ने अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला स्थगित कर दिया है। अखिलेश यादव ने दोहराया है कि वह सिर्फ तीन माह के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद वह मुलायम सिंह को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएंगे।
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गौरतलब है कि पिछले 15 दिनों तक युवा व बुजुर्ग दोनों पीढ़ी साइकिल चिह्न जब्त होने की आशंका में रही क्योंकि पिता-पुत्र ने चुनाव आयोग में पिटीशन दाखिल कर रखी थी। 16 जनवरी को चुनाव आयोग ने पार्टी व चिह्न पर मालिकाना हक अखिलेश को देने का फैसला दिया। आयोग से जीत के बाद अखिलेश ने पिता मुलायम से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया जिस पर मुलायम सिंह ने खुद के कदम वापस खींच लिए और उनकी ओर से मुख्यमंत्री के साथ खड़े होने का संकेत दिया गया।
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प्रत्याशी जल्द घोषित होंगे
गठबंधन पर अपने पत्ते खोलते हुए यादव ने कहा कि कांग्रेस से साथ गठबंधन पर एक-दो दिन में अंतिम निर्णय हो जाएगा। एलान लखनऊ में होगा। बड़ी जिम्मेदारी है, सारा ध्यान सरकार बनाने पर होगा। गठबंधन पर रामगोपाल के बयान का समर्थन करते हुए अखिलेश ने कहा कि उन्होंने दिल्ली मे जो कहा, वो सही है। बता दें, सोमवार को रामगोपाल ने कहा था, मुझे उम्मीद है कि महागठबंधन होगा, लेकिन अंतिम फैसला अखिलेश लेंगे। कहा कि वह प्रत्याशियों की सूची जल्द जारी कर देंगे। आगरा में 19 को होने वाली रैली रद कर दी है। समय कम बचा है। कहा जब चुनाव आयोग में विवाद चल रहा था, तब साइकिल सिंबल मिलने का पूरा भरोसा है। नेताजी से कोई विवाद नहीं है। हम उन्हें साथ लेकर चलेंगे। ये रिश्ता अटूट है। उनका आशीर्वाद मेरे साथ है। वह मेरे साथ रहेंगे।
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राहुल पर इंतजार करें
विधानसभा चुनाव के प्रचार में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि थोड़ा इंतजार करिए। इस पर भी जल्द फैसला लिया जाएगा। हालांकि यह भी जोड़ा कि कल रामगोपाल चाचा ने दिल्ली में जो कहा था, उसे सही मानिए। मंगलवार को पूरे दिन प्रत्याशियों के चयन पर काम करूंगा। पिताजी और मेरी सूची के 90 प्रतिशत उम्मीदवार एक हैं। इससे पहले मंत्री अरविंद सिंह गोप, मंत्री अहमद हसन, शिव प्रताप यादव व राजेंद्र चौधरी और सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी उनसे मुलाकात की।
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मुलायम ने इनके लिए मांगा टिकट
मुलायम सिंह यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ बैठक में 38 लोगों की एक सूची उन्हें सौंपते हुए टिकट देने की मांग की है। इसमें नारद राय, ओम प्रकाश सिंह, अंबिका चौधरी, शादाब फातिमा, शिवपाल यादव, गायत्री प्रजापति, विजय यादव (देवरिया), अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ खोखा सिंह (रुद्रपुर), नाशी खान, रामदर्शन यादव (आजमगढ़), विश्वनाथ सिंह (फाजिलनगर), राजकिशोर सिंह, शारदा प्रताप शुक्ला, अपर्णा यादव, सोबरन सिंह यादव, मोहम्मद रेहान, कमर हसन (बुढ़ाना), रामवीर यादव (जसराना), आशीष यादव (एटा), शकुंतला निषाद (तिंदवारी), संदीप शुक्ला सुलतानपुर (सदर) का नाम प्रमुख है। सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को सौंपी अपनी सूची में जहां संघर्ष के दौरान के साथियों के लिए टिकट मांगा है, वहीं तटस्थ हो गए नेताओं को नजरअंदाज किया है।
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दागियों के लिए नहीं मांगा टिकट
सूत्रों का कहना है कि मुलायम ने प्रत्याशियों की जो सूची अखिलेश यादव को सौंपी है, उसमें अतीक अहमद और सिबगत उल्ला अंसारी का नाम नहीं है।
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