यूपी में फिर बिकने लगा मिलावटी पनीर और घी, ये हैं असली-नकली की पहचान करने के कारगर तरीके
लखनऊ में एक बार फिर भारी मात्रा में मिलावटी पनीर बरामद हुआ, जो हरियाणा के पलवल से लाया गया था। यह पनीर घटिया रिफाइंड तेल और हानिकारक तत्वों से बना था। सहालग के दौरान पनीर, खोआ और रिफाइंड की मांग बढ़ जाती है, जिससे मिलावट का खतरा बढ़ जाता है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने पनीर और खोआ के सेवन में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। घरेलू नुस्खों से खाद्य पदार्थों की शुद्धता की जांच की जा सकती है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। एक बार फिर शहर में बड़ी मात्रा में मिलावटी पनीर बरामद किया गया। हरियाणा के पलवल से लाया जा रहा पनीर घटिया रिफाइंड और दूसरे हानिकारक तत्वों से मिलाकर बनाया गया था जिसे खाने से गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता था। एफएसडीए ने मिलावटी पनीर को तो नष्ट करा दिया लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बड़ी मात्रा में मिलावटी पनीर बाजार में खपाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। पनीर हो या खोआ खाने में सावधानी बरतें।
सहालग पर पनीर, खोआ और रिफाइंड की सबसे अधिक डिमांड होती है। पनीर की जगह सिंथेटिक पनीर से पांच गुने तक अधिक मुनाफा होता है। यही वजह है कि असली और नकली का खेल बराबर से चलता है। महानगर में डेयरी संचालक विकास का कहना है कि सहालग पर पनीर की डिमांड काफी बढ़ जाती है जिसके चलते तमाम कई लोग नकली या मिश्रण कर मुनाफा कमाने में जुट जाते हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर सस्ता पनीर यहां सप्लाई किया जाता है। देखने में यह बिलकुल असली पनीर जैसा होता है और देखकर इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। सिंथेटिक पनीर बनाने के लिए स्किम्ड मिल्क और खाने वाले सोडे के अलावा घटिया पॉम ऑयल, वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर मिलाकर तैयार किया जाता है। थोक में यह पचास रुपये से लेकर 80 रुपये तक में मिलता है।
मैदा-आलू-कद्दू में रंग मिलाकर बनाते खोआ
बाजार में खोआ की डिमांड पूरा करने के लिए राजधानी के आसपास इलाकों से मिलावटी खोआ की बड़ी सप्लाई होती है। मिठाइयों को तैयार करने में जिस खोआ का इस्तेमाल किया जा रहा है उसमें मैदा, आलू और आरारोट को मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मिठाइयां तैयार करने में मानकों से अधिक खतरनाक कलर मिलाए जा रहे हैं जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं।
दूध में मिला रहे पानी और प्रतिबंधित पाउडर
दूध कारोबारी भी मिलावट करने में पीछे नहीं हैं। दूध कारोबारी बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए दूध में गंदा पानी और दूषित बर्फ का इस्तेमाल कर रहे हैं। वही दूध को कई दिनो बनाए रखने के लिए उसमें प्रतिबंधित माल्टो डेक्सिट्रन पाउडर मिलाया जा रहा है। पाउडर को दूध में मिलाना प्रतिबंधित है इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों और मंडियों से आ रहे दूध में इसकी सप्लाई की जा रही है।
घरेलू नुस्खों से ही कर सकते हैं खाने-पीने की गुणवत्ता की जांच
मिठाइयों और दूसरी खाने-पीने के सामानों में लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है। सहालग पर डिमांड को पूरा करने के लिए खाद्य पदार्थों में मिलावट की जाती है जिससे स्वाद के साथ सेहत बिगड़ सकती है। मिलावटी से बचने के लिए घर पर आसानी से पहचान कर सकते हैं। घरेलू नुस्खों से शुद्वता की पहचान कर सकते हैं।
पनीर
एक बर्तन में गर्म पानी लेकर उसमें पनीर का टुकड़ा दस मिनट तक रखें। अगर पानी में झाग बनता है और डिटर्जेंट जैसी गंध आती है तो पनीर नकली या मिलावटी हो सकता है। अगर पानी साफ है और कोई गंध नहीं है, तो पनीर शुद्ध हो सकता है।इसके अलावा पनीर को रगड़े और थोड़ा पानी डालकर घोल बना लें। इसके बाद दो से तीन बूंद की आयोडीन टिंचर डालें। अगर रंग नीला या बैंगनी हो जाए तो स्टार्च मिला हो सकता है।
खोआ शुद्ध है या नहीं ऐसे करें पहचान
खोए का थोड़ा सा हिस्सा पानी में घोल लें। इसमें 2–3 बूंद आयोडीन टिंचर डालें। अगर रंग नीला या बैंगनी हो जाए, तो उसमें स्टार्च मिला है।
अगर रंग में कोई बदलाव नहीं आता, तो खोआ शुद्ध है। इसके अलावा खुशबू और स्वाद से भी पहचान कर सकते हैं। शुद्ध खोआ में हल्की सी दूध और घी जैसी महक होती है। नकली खोया में हल्की सी गंध आ सकती है या स्वाद में कड़वाहट महसूस हो सकती है। असली खोआ गर्म करने पर घी छोड़ने लगता है लेकिन नकली खोए में घी नहीं निकलेगा बल्कि वह जलने लगेगा।
दूध में पानी की मिलावट
दूध की एक बूंद को किसी चिकनी सतह पर रखें। शुद्ध दूध की बूंद या तो सतह पर चिपकी रहेगी या धीरे धीरे बहेगी और पीछे एक सफेद धार छोड़ देगी। यदि दूध में पानी की मिलावट की गई है तो बिना धार के तुरंत बह जाएगा। दूध का पांच या दस मिलीलीटर का नमूना लेकर उसमें समान मात्रा में चीनी मिलाइए। यदि दूध में डिटजेंट की मिलावट होगी तो दूध में खूब घने झाग उठेंगेे। शुद्ध दूध में झाग की केवल बहुत पतली सी सतह बनेगी
घी
कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी लीजिए। इसमें दो से तीन बूंदे टिंचर आयोडीन को मिला दीजिए। यदि सैंपल में नीला रंग आ जाए तो इसका अर्थ है कि घी में उबले हुए आलू, शकरकंदी, या किसी अन्य स्टार्च की मिलावट की गई है।
नारियल तेल है शुद्ध कैसे जानें
किसी पारदर्शी कांच के गिलास में थोड़ा सा नारियल तेल लें। उस गिलास को तीस मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। फ्रिज में रखने के बाद नारियल का तेल जम जाता है। यदि नारियल के तेल में मिलावट की गई होगी तो नारियल के तेल के ऊपर मिलावटी तेल की सतह अलग से दिखाई देने लगेगी
तेल और वसा की जांच
तेल का दो मिलीलीटर सैंपल लीजिए। सैंपल में थोड़ा सा ठोस मक्खन मिला लीजिए। यदि तुरंत ही सैंपल में लाल रंग दिखाई दे तो इसका अर्थ है कि तेल में किसी तरह की मिलावट की गई है। तेल में ट्रायआर्थो क्रेसाइल फास्फेट का इस्तेमाल करते हैं।
शहद चीनी की मिलावट तो नहीं
पानी से भरे कांच के एक पारदर्शी गिलास को लीजिए उसमें शहद की एक बूंद डाल दें। यदि शहद शुद्ध होगा तो पानी में नहीं घुलेगा और यदि शहद की बूंद पानी में घुल गई तो इसका मतलब है कि उसमें चीनी का घोल मिलाया गया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।