UP News: यूपी में कारतूसों का उत्पादन करेगी अडानी की बड़ी कंपनी, सेना के लिए रोबोट और मिसाइल बनाने का भी लक्ष्य
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कानपुर में अपने संयंत्र में कारतूसों का उत्पादन बढ़ाएगी। कंपनी रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ा रही है और सैन्य उपकरणों का उत्पादन कर रही है। कंपनी के सीईओ ने बताया कि युद्ध का मैदान बदल गया है और अब ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कानपुर में स्थापित अपने संयंत्र में कारतूसों के उत्पादन में बढ़ोतरी करेगी। रक्षा के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नारे को बुलंद करने वाली अडानी डिफेंस वर्तमान में कई सैन्य उपकरणों का उत्पादन कर रही है।
कंपनी के सीईओ आशीष राजवंशी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में हुए सभी युद्धों और सैन्य संघर्षों में न तो पैदल सेना ने किसी दूसरे देश की सीमा पार की है और न ही लड़ाकू विमानों ने किसी दूसरे देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।
आज के समय में युद्ध का मैदान पूरी तरह से बदल गया है। सूचना प्रणाली, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युद्ध के नए रूप हैं। अब युद्ध ड्रोन से लड़े जा रहे हैं। भविष्य में लड़ाकू विमानों की तुलना में ड्रोन का अधिक उपयोग किया जाएगा।
इसके साथ ही, ऐसे रोबोट विकसित किए जा रहे हैं जो युद्ध के मैदान में अपने फैसले खुद ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी अगले कुछ वर्षों में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कानपुर स्थित इस कारखाने में मिसाइलें भी बनाई जाएंगी, जिसके लिए 10 लाख डॉलर का निवेश किया जाएगा। कंपनी जल्द ही बड़े कैलिबर की गोलियों का उत्पादन शुरू करेगी।
इसके अलावा, 'मेक इन इंडिया' के संकल्प को गति और मजबूती देने के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट, ड्रोन, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और मिसाइल जैसे उच्च तकनीक वाले युद्ध उपकरण भी यहां बनाए जाएंगे।
वर्ष 2047 में विकसित भारत के लिए रक्षा क्षेत्र को बहुत महत्व दिया जा रहा है। अभी तक रक्षा परियोजनाएं स्थापित करने वालों को बैंकों से ऋण नहीं मिलता था, लेकिन अब सरकार इस क्षेत्र के लिए ऋण सुविधा शुरू करने जा रही है।
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