आतंक पर प्रहारः उत्तर प्रदेश एटीएस ने सात जिलाें के मदरसाें का ब्याैरा मांगा, हाेगी पड़ताल
ATS Action: एटीएस ने उत्तर प्रदेश सरकार से सात जिलाें के मदरसा के स्टाफ की सूची मांगी है। एटीएस ने प्रयागराज, प्रतापगढ़, शामली, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा समेत राज्य के अलग-अलग जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को लेटर लिखकर मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों और प्रबंधकों के नाम, पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर समेत डिटेल जानकारी मांगी है।

मदरसों के सभी रिकॉर्ड के साथ ही वहां के माैलवियाें और छात्र-छात्राओं की भी पड़ताल
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: सफेदपोश आतंकी नेटवर्क के देश में बढ़ते कदम को उत्तर प्रदेश सरकार ने जड़ से खत्म करने का प्रयास प्रारंभ कर दिया है। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर कार में विस्फोट के प्रकरण में एटीएस के रडार पर आई राजधानी लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिदा के साथ उसके भाई डॉ. परवेज पर शिकंजा कसा गया है।
इसी बीच एटीएस ने उत्तर प्रदेश सरकार से सात जिलाें के मदरसा के स्टाफ की सूची मांगी है। एटीएस ने प्रयागराज, प्रतापगढ़, शामली, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा समेत राज्य के अलग-अलग जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को लेटर लिखकर मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों और प्रबंधकों के नाम, पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर समेत डिटेल जानकारी मांगी है।
उत्तर प्रदेश एटीएस की मांग पर सरकार ने सात जिला के प्रशासन काे मदरसों के स्टाफ सूची शीघ्र देने काे कहा है। जिनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं, उनकी पड़ताल भी कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि एटीएस ने मदरसों से संबंधित जो सूचनाएं मांगी है, उसे जल्द दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मदरसों के संबंध में एटीएस की जांच में विभाग पूरा सहयोग करेगा।

आतंकी संगठन जैश की महिला विंग जमात ए मोमिनात की इंडियन हेड डॉ. डॉ. शाहीन शाहिदा की दिल्ली बम ब्लास्ट में सक्रिय भूमिका सामने आने के बाद एटीएस ने मदरसों की कुंडली खंगालने के काम शुरु कर दिया है। मदरसाें के विदेशी कनेक्शन के साथ इनकाे मिलने वाले फंड की भी पड़ताल की जा रही है। एटीएस प्रयागराज समेत सात जिलों में जांच करने के साथ डाटा तैयार कर रही है। इसमें भी विदेशी फंडिंग के रिकॉर्ड पर विशेष ध्यान है। मदरसों के सभी रिकॉर्ड के साथ ही वहां के माैलवियाें और छात्र-छात्राओं की भी पड़ताल की जा रही है।
एटीएस मुख्यालय लखनऊ के निर्देश पर एटीएस इकाई प्रयागराज ने महोबा समेत प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर व चित्रकूट में संचालित मदरसों के स्टाफ व इनमें पढ़ने वाले बच्चों, मौलवियों, प्रबंधकों की विस्तृत सूचना मांगी है। इनमें नाम, पिता का नाम, पता व मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने को निर्देशित किया गया है। महाेबा के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी महेंद्र प्रताप ने बताया कि जिले में 21 मदरसों में दो को सरकारी अनुदान मिलता है। सभी को पत्र भेजकर सूचना देने को कहा गया है। एटीएस का पत्र मिला है। हम शासन के पत्र का इंतजार कर रहे हैं।
चंदे की भी देनी होगी डिटेल
मदरसाें काे अब यह भी बताना जरूरी होगा कि मदरसे में उत्तर प्रदेश के बाहर के राज्यों से कितने प्रधानाचार्य और छात्र हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर से कितने शिक्षक और छात्र हैं। इन डिटेल्स के अलावा, मदरसे को प्राप्त किसी भी खास चंदे की डिटेल भी देनी होगी।
अधिकारियों का कहना है कि मदरसों के प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता लाने और रिकॉर्ड की सटीकता सुनिश्चित करने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। संबंधित पुलिस थानों और खुफिया यूनिट्स को भी मदरसों से करीबी संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। एटीएस की टीमें अगले कुछ हफ्तों में अलग-अलग जिलों का दौरा करेंगी और दी गई जानकारी के आधार पर जांच प्रक्रिया पूरी करेंगी।

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