EOW Trapped Farudester : ठग गुरनाम सिंह ने पंजाब में लिया था 40 बीघे का फार्म हाउस
EOW Trapped Farudester from Punjab पोंजी स्कीम के माध्यम से देश के सबसे बड़े आर्थिक अपराध में आरोपित गुरनाम सिंह की बेनामी संपत्तियों को लेकर दिल्ली ईडी भी जांच कर रहा है। गुरनाम सिंह को पहले सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। जमानत पर बाहर आने के बाद रोपड़ में अपने गांव से दूर छिपकर रह रहा था।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : निवेशकों को लुभावनी योजनाओं का झांसा देकर 49 हजार करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पर्ल्स एग्रोटेक कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के एक और संचालक गुरुवंत सिंह गिल की तलाश तेज की गई है।
चंडीगढ़ के निवासी गिल के भी पंजाब में छिपकर रहने की जानकारी सामने आई है। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने रोपड़ (पंजाब) से कंपनी के संचालक गुरनाम सिंह को गिरफ्तार करने के बाद अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है।
सूत्रों का कहना है कि गुरनाम सिंह ने रोपड़ में 40 बीघे का फार्म हाउस खरीदा था, जहां वह छिपकर रह रहा था। यह संपत्ति निवेशकों से ठगी गई रकम से खरीदी गई थी। ईओडब्ल्यू इसे लेकर भी जांच करेगा। संपत्ति के दस्तावेज निकलवाए जाएंगे।
पोंजी स्कीम के माध्यम से देश के सबसे बड़े आर्थिक अपराध में आरोपित गुरनाम सिंह की बेनामी संपत्तियों को लेकर दिल्ली ईडी भी जांच कर रहा है। गुरनाम सिंह को पहले सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर बाहर आने के बाद रोपड़ में अपने गांव से दूर छिपकर रह रहा था।
ईओडब्ल्यू ने जालौन में निवेशकों की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में गुरनाम सिंह को नौ जुलाई को रोपड़ से गिरफ्तार किया था। मामले में पोंजी स्कीम केे जरिए ठगी की शिकायतों पर जालौन के तत्कालीन डीएम ने शासन को रिपोर्ट दी थी। शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। ईओडब्लयू मामले में पहले पकड़े जा चुके सात आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र भी दाखिल कर चुका है।
जलौन में दर्ज मुकदमे में गुरनाम सिंह समेत 10 नामजद आरोपित हैं। इनमें गुरुवंत सिंह समेत दो आरोपितों की तलाश है। पीएसीएल ने उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्यों में लगभग पांच करोड़ निवेशकों को अपना शिकार बनाया था।
पीएसीएल का नाम पहले गुरुवंत एग्रोटेक लिमिटेड था, जिसका पंजीकरण राजस्थान में वर्ष 1996 में कराया गया था। बाद में पीएसीएल का पंजीकरण राजस्थान में वर्ष 2011 में कराया गया था। कंपनी ने पंजाब, असम, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, बिहार व छत्तीसगढ़ में भी अपनी शाखाएं खोली थीं और लगभग पांच करोड़ निवेशकों की रकम हड़पी थी।
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