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UP Police Action: बलरामपुर से सपा के पूर्व सांसद रिजवान जहीर पर रासुका के तहत कार्रवाई, पहले लग चुका है गैंगस्टर

बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध रिजवान जहीर काफी दिनों से जेल से छूटने का प्रयास कर रहा था। उसके भय से कस्बा तुलसीपुर व आसपास के गांव में लोक शांति व्यवस्था पूरी तरह छिन्न-भिन्न हो गई थी।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 04:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2022 06:56 AM (IST)
जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर पूर्व सांसद के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

बलरामपुर, जागरण संवाददाता। पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन फिरोज पप्पू की हत्या के आरोप में बेटी और दामाद के साथ चार माह से जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर प्रदेश स्तरीय माफिया पूर्व सांसद के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। चार जनवरी को पूर्व चेयरमैन की हत्या के बाद पूर्व सांसद समेत छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। अब तक पूर्व सांसद की तुलसीपुर व लखनऊ में स्थित 6.88 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

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पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध रिजवान जहीर काफी दिनों से जेल से छूटने का प्रयास कर रहा था। उसके भय से कस्बा तुलसीपुर व आसपास के गांव में लोक शांति व्यवस्था पूरी तरह छिन्न-भिन्न हो गई थी। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिजवान जहीर पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा-3 की उपधारा-2 के तहत कार्रवाई की गई है। इनका नाम प्रदेश के गैंगस्टर आरोपितों की टाप टेन सूची में है।

6.88 करोड़ की संपत्ति कुर्क: एसपी ने बताया कि रिजवान जहीर के लखनऊ विकासनगर में 221.94 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने एक करोड़ 73 लाख रुपये के मकान को कुर्क किया गया। साथ ही बटहा सुबौली कुर्सी रोड में 252.97 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने एक करोड़ 89 लाख के टयूलिप टावर की कुर्की की गई। इससे पहले उनके तुलसीपुर स्थित आवास को सील कर दिया गया था। यहां कुर्क संपत्ति की अनुमानित लागत तीन करोड़ 26 लाख 63 हजार 779 रुपये है।

कब्जे की जमीन पर चला था बुलडोजर: जेल में निरुद्ध पूर्व सांसद रिजवान जहीर के कब्जे वाली जमीन पर 25 मई को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। आवासीय परिसर और सामने की करीब 25 बीघा जमीन उनके कब्जे से मुक्त कराई गई थी। यह कार्रवाई सपा के पूर्व विधायक मशहूद खां के भाई अब्दुल महमूद खां की शिकायत पर की गई थी।


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