Action Against Corruption :घूस मांगने के आरोप में निलंबित चल रहे IAS Officer अभिषेक प्रकाश मिला आरोप पत्र
Action Against Corruption नियुक्ति विभाग की तरफ से दी गई चार्जशीट का जवाब देने के लिए उन्हें फिलहाल 15 दिन का समय दिया गया है। उनका जवाब आने के बाद यह तय होगा कि इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त होगा या नहीं। मगर इतना स्पष्ट है कि आरोप पत्र मिलने के बाद उनका निलंबन बहाल होने में अभी और भी वक्त लग सकता है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : इन्वेस्ट यूपी के सीईओ रहते निवेशक से रिश्वत मांगने के आरोप में 20 मार्च से निलंबित चल रहे वर्ष 2006 बैच के आइएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। उन्हें भटगांव जमीन अधिग्रहण और इन्वेस्ट यूपी में भ्रष्टाचार के आरोपों पर चार्जशीट दे दी गई है।
नियुक्ति विभाग की तरफ से दी गई चार्जशीट का जवाब देने के लिए उन्हें फिलहाल 15 दिन का समय दिया गया है। अभिषेक प्रकाश को एक माह के भीतर इन आरोपों का जवाब देना है।उनका जवाब आने के बाद यह तय होगा कि इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त होगा या नहीं।
उनके खिलाफ एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है। इस मामले में गोमतीनगर थाने में कंपनी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने बिचौलिए निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
निलंबन बहाल होने में अभी और भी वक्त लग सकता
मगर इतना स्पष्ट है कि आरोप पत्र मिलने के बाद उनका निलंबन बहाल होने में अभी और भी वक्त लग सकता है। सोलर कंपनी से सब्सिडी के एवज में घूस मांगने के आरोप में इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च को निलंबित कर दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक अभिषेक प्रकाश को जो चार्जशीट दी गई है उसमें डिफेंस कारिडोर के लिए भटगांव जमीन अधिग्रहण मामले में प्रशासनिक लापरवाही कैसे हुई। इसके बारे में जवाब मांगा गया है। उन पर प्रशासनिक लापरवाही से जुड़े चार आरोप लगे हैं।
भटगांव में जमीन का अधिग्रहण
अभिषेक प्रकाश के डीएम रहते हुए सरोजनीनगर के भटगांव में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें बड़े पैमाने पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई थी। इस मामले की जांच तत्कालीन राजस्व परिषद चेयरमैन रजनीश दुबे ने की थी। जिसमें तत्कालीन डीएम के साथ-साथ पीसीएस अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे।
घूसखोरी प्रकरण में चार्जशीट
इसी प्रकार इन्वेस्ट यूपी से जुड़े घूसखोरी प्रकरण में जो चार्जशीट उन्हें दी गई है, उसमें मुख्य रूप से मूल्यांकन समिति की उस बैठक के बारे में पूछा गया है, जो 12 मार्च, 2025 को हुई थी। इसमें सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी एसएईएल सोलर पी-6 प्राइवेट लिमिटेड का प्रकरण मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजने का निर्णय लिया गया था। बाद में इस निर्णय पर रोक लगाते हुए इसे पुनर्मूल्यांकन के लिए क्यों भेजा गया।
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