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    KGMU: टारगेटेड थेरेपी से लंग कैंसर का सटीक इलाज संभव, पढ़ें लक्षण और उपचार के तरीके

    By Jagran NewsEdited By: Vikas Mishra
    Updated: Mon, 10 Oct 2022 07:35 AM (IST)

    KGMU लंग कैंसर की शुरुआत में कई तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं। इनमें गंभीर खांसी सांस फूलना ज्यादा बलगम निकलना सीने में दर्द और बलगम में खून का आना विशेष रूप से शामिल है। कैंसर के लक्षण पीठ और कंधे में दर्द भी शामिल है।

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    लंग कैंसर में टारगेटेड थेरेपी बहुत कारगर है

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पल्मोनरी विभाग के प्रो. अविनाश अग्रवाल ने बताया कि लंग कैंसर के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद टारगेटेड थेरेपी के जरिए इलाज करना अधिक कारगर है। इससे इलाज के दौरान शरीर के अन्य अंगों पर दवाओं का दुष्प्रभाव कमतर हो सकता है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) और एरा मेडिकल कालेज की ओर से रविवार को यूपीटीबीसीकान-2022 का समापन शताब्दी फेज-2 के प्रेक्षागृह में किया गया।

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    डा. अविनाश ने बताया कि वर्तमान में लंग कैंसर के लिए दी जाने वाली कीमोथेरेपी के दवाओं का असर शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ता है। जिनोम सीक्वेंसिंग के द्वारा कौन सी दवा का असर किस मरीज पर सबसे अधिक पड़ेगा, यह जानकर उस मरीज को टारगेटेड थेरेपी के जरिए इलाज दिया जाए तो उनके शरीर पर दुष्प्रभाव कम होंगे और इलाज अधिक कारगर होगा।

    500 से अधिक डाक्टरों ने लिया हिस्साः केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. वेद प्रकाश ने बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन में देश भर के 500 से अधिक विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। आनलाइन और आफलाइन मोड में प्रतिभाग किया। कई विशेषज्ञों ने अपने शोध को आनलाइन मोड से प्रस्तुत किया। सिविल अस्पताल के छाती रोग विशेषज्ञ डा. एनबी सिंह ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस होने के लक्षणों को नजरअंदाज किए बिना समय पर चिकित्सक के पास पहुंचना चाहिए ताकि शुरुआती लक्षणों के आधार पर ही समुचित इलाज किया जा सके।

    रीजेंसी अस्पताल कानपुर से आए छाती रोग विशेषज्ञ डा. एके सिंह ने बताया कि कोविड-19 के दौरान कई ऐसे मरीज रहे जिन्हें दो दिन से लेकर दो महीने तक वेंटिलेटर पर गुजारना पड़ा। वेंटिलेटर से बाहर लाने की प्रक्रिया को वीनिंग कहा जाता है। इसके कई नियम होते हैं जिनके अनदेखी से मरीज की जान तक जा सकती है। सबसे बड़ा नियम यह है कि मरीज को वेंटिलेटर से शिफ्ट करने का समय रात के बजाय दिन का होना चाहिए ताकि किसी भी समस्या पर चिकित्सक मौजूद रह सकें। इसके अलावा मरीज तीमारदार के साथ चिकित्सकों की टीम की सकारात्मक सोच भी इसमें अहम होती है।

    लंग कैंसर के लक्षणः लंग कैंसर की शुरुआत में कई तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं। इनमें गंभीर खांसी, सांस फूलना, ज्यादा बलगम निकलना, सीने में दर्द और बलगम में खून का आना विशेष रूप से शामिल है। लंग कैंसर के लक्षण पीठ और कंधे में दर्द, सांस में कमी, ज्यादा थकान महसूस होना और आंखों में पीलापन भी है।