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    UPPCL के नए स्लैब में कम खपत वालों का बढ़ेगा बिजली बिल, ज्यादा खर्च पर मिलेगी कुछ राहत

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:26 PM (IST)

    बिजली कंपनियों की ओर से यूपी पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने बिजली दरों संबंधी प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया जिस पर आयोग ने आपत्तियां मांगने का आदेश दिया है।

    UPPCL के नए स्लैब में कम खपत वालों का बढ़ेगा बिजली बिल, ज्यादा खर्च पर मिलेगी कुछ राहत

    लखनऊ, जेएनएन। कोविड-19 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में भले ही अबकी महंगी बिजली का झटका नहीं लगना था, लेकिन बिजली कंपनियां अपनी कमाई बढ़ाने के लिए नए स्लैब की जो दरें तय की हैं उससे कम खपत वाले 80 फीसद घरेलू उपभोक्ताओं का जहां बिजली खर्च बढ़ने वाला है वहीं ज्यादा बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं का कुछ फायदा हो सकता है। सोमवार को बिजली कंपनियों की ओर से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के प्रबंध निदेशक ने बिजली दरों संबंधी प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया। विद्युत नियामक आयोग ने प्रस्तावित दरों का तीन दिन में विज्ञापन प्रकाशित कर 15 दिन में उपभोक्ताओं से सुझाव व आपत्तियां मांगने के आदेश कारपोरेशन को दिए हैं। इसके साथ ही आयोग ने अब 8-10 सितंबर के बजाए 24-28 सितंबर को सुनवाई करने का निर्णय किया है। वहीं, स्लैब घटाने से वाणिज्यिक बिजली उपभोक्ताओं को भी तगड़ा झटका लगना तय है।

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    दरअसल, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने मौजूदा 80 स्लैब में से 27 कम करते हुए 53 स्लैब ही रखने का प्रस्ताव पिछले दिनों आयोग में दाखिल किया था। चूंकि नए स्लैब के अनुसार दरों का प्रस्ताव नहीं दिया गया था इसलिए उस पर सवाल उठाते हुए विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन को पत्र लिखा था। ऐसे में कारपोरेशन ने सोमवार को नए सिरे से तय स्लैब के अनुसार दर संबंधी प्रस्ताव आयोग को सौंप दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि स्लैब की जो दरें प्रस्तावित हैं, उससे बिजली का कम उपभोग करने वालों का खर्चा बढ़ रहा है जबकि ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करने वालों का फायदा होता दिख रहा है।

    उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि 150 से 200 यूनिट के बीच बिजली खपत करते वाले 80 फीसद घरेलू उपभोक्ता का ही खर्चा बढ़ाने वाले प्रस्ताव का सुनवाई के दौरान कड़ा विरोध किया जाएगा। कारपोरेशन ने घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें यथावत 500 रुपये प्रति किलोवाट ही रखी है। ग्रामीण व शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं की एक किलोवाट 100 यूनिट तक तीन रुपये यूनिट में कोई परिवर्तन नही किया गया है। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्सड चार्ज को 90 रुपये प्रति किलोवाट व शहरी घरेलू का 110 रुपये प्रति किलोवाट यथावत प्रस्तावित है। 

    घरेलू ग्रामीण व शहरी की दरें (रुपये में)

    यूनिट वर्तमान दर (शहरी घरेलू) यूनिट  प्रस्तावित दर 
    0-150 5.50 प्रति यूनिट 0-100 5.50 प्रति यूनिट
    151-300 6.00 प्रति यूनिट 101-300 5.80 प्रति यूनिट
    301-500 6.50 प्रति यूनिट 300 के ऊपर 6.65 प्रति यूनिट
    500 के ऊपर 7.00 प्रति यूनिट - -
     यूनिट   वर्तमान दर(ग्रामीण घरेलू)   यूनिट प्रस्तावित दर
    0-100 3.35 प्रति यूनिट 0-100 3.35 प्रति यूनिट
    101-150 3.85 प्रति यूनिट 101-300  4.40 प्रति यूनिट
    151-300 5.00 प्रति यूनिट 300 के ऊपर 5.60 प्रति यूनिट
    300 के ऊपर 6.00 प्रति यूनिट   -  -

    यूं बढ़े-घटेगा बिजली का खर्च (रुपये में) 

    यूनिट  मौजूदा खर्च  प्रस्तावित पर खर्च  फायदा/नुकसान
    150  825 840 15 रुपये का नुकसान
    200 1125 1130 5 रुपये का नुकसान
    300 1725 1710 15 रुपये का फायदा
    400 2375 2375  न नफा न नुकसान
    500 3025 3040 15 रुपये का नुकसान
    800 5125 5035 90 रुपये का फायदा
    1000 6525 6365 160 रुपये का फायदा

    स्लैब बदलने से वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को भी लगेगा झटका : स्लैब घटाने से वाणिज्यिक बिजली उपभोक्ताओं को भी तगड़ा झटका लगना तय है। गांव में दुकान आदि चलाने वालों को अब जहां मीटर के जरिए ही बिजली मिल सकेगी वहीं शहर के ऐसे वाणिज्यिक उपभोक्ता जिनकी बिजली की खपत प्रतिमाह 100 यूनिट प्रतिमाह से अधिक है उन्हें अब कहीं ज्यादा बिल चुकाना होगा। वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए पावर कारपोरेशन ने जो स्लैब व दर प्रस्तावित की है उसके मुताबिक अब ग्रामीण वाणिज्यिक अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के लिए कोई स्लैब नहीं रहेगा यानी अब मीटर के जरिए ही वाणिज्यिक कनेक्शन दिए जाएंगे। वर्तमान में जहां दो किलोवाट से कम, दो से चार व चार किलोवाट से अधिक भार के लिए अलग-अलग फिक्स चार्ज है वहीं अब चार किलोवाट तक के लिए 330 रुपये व उससे ज्यादा भार के लिए 450 रुपये फिक्स चार्ज तय प्रस्तावित है। चार किलोवाट से अधिक भार वाले कनेक्शन के लिए बिजली दर की दो ही स्लैब प्रस्तावित हैं। इसमें एक हजार यूनिट तक की खपत के लिए 7.80 रुपये और उससे अधिक के लिए 8.75 रुपये प्रति यूनिट दर रखी गई है।

    शहरी वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की दरें (रुपये प्रतियूनिट) 

    यूनिट मौजूदा दर यूनिट प्रस्तावित दर
    0-300 7.50 0-100 6.00
    301-1000 8.40 101-300 7.80
    1001 से ऊपर  8.75 300 के ऊपर 8.50 

      

       

      

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