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    नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचना होगा आसान; रोड, रेल, रैपिड रेल और इलेक्ट्रिक बसों का मल्टी-मॉडल नेटवर्क तैयार

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:45 PM (IST)

    नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) जल्द ही शुरू होगा, जिसके लिए दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों से बहु-माध्यमीय परिवहन व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसमें यमुना एक्सप्रेसवे से सीधी सड़क कनेक्टिविटी, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ाव, रीजनल रैपिड रेल (RRTS), चोला-रुंधी रेल लाइन और दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर शामिल हैं। यात्रियों के लिए 500 इलेक्ट्रिक बसें, एनआईए ब्रांडेड कैब, ऐप-आधारित टैक्सियां और कार रेंटल सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। यह एयरपोर्ट उत्तर भारत का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक विमानन केंद्र बनेगा, जो सड़क, रेल और बस से एकीकृत कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।  

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    नवनिर्मित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचना अब होगा और आसान

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। नोएडा के जेवर में बना नवनिर्मित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द ही शुरू होने जा रहा है। एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर, आगरा, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ और हरियाणा जैसे क्षेत्रों से जोड़ने के लिए बहु-माध्यमीय (multi-modal) परिवहन व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसका मकसद यात्रियों, पर्यटकों और उद्योगों को एयरपोर्ट तक पहुंचने का तेज, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल साधन देना है।

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    हर दिशा से आसान रोड कनेक्टिविटी
    एयरपोर्ट सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (बल्लभगढ़ लिंक) बनने से हरियाणा और पश्चिम भारत की दिशा से भी सुगमता बढ़ी है।
    ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट को जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है, जिससे गाजियाबाद, मेरठ, पलवल और सोनीपत से भी सीधा रास्ता मिलेगा। वहीं, औद्योगिक और मालवाहक ट्रैफिक के लिए उत्तर और पूर्व एक्सेस रोड लगभग बनकर तैयार हैं। जबकि, सेक्टर-28 की 60 मीटर चौड़ी सेवा सड़क को भी यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है, ताकि स्थानीय यातायात सुचारू रहे।

    रेल और रैपिड रेल से भी पहुंचना होगा आसान
    दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक रीजनल रैपिड रेल (RRTS) परियोजना का डीपीआर राज्य सरकार ने मंज़ूर कर दिया है। रेल मंत्रालय भी एयरपोर्ट को चोला-रुंधी रेल लाइन से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। साथ ही, दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में जेवर स्टेशन का प्रावधान किया गया है।

    इलेक्ट्रिक बसों से अंतिम माइल कनेक्टिविटी
    एयरपोर्ट को आसपास के शहरों और मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने के लिए UPSRTC के साथ समझौता किया गया है। उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के साथ भी अंतरराज्यीय बस सेवा की सहमति बन चुकी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण मिलकर 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाएं गे, जो यात्रियों को एयरपोर्ट तक पर्यावरण-अनुकूल यात्रा सुविधा देंगी।

    कैब और कार रेंटल सेवाएं भी तैयार

    1. NIA ब्रांडेड कैब (महिंद्रा लॉजिस्टिक्स):
    एयरपोर्ट पर महिंद्रा लॉजिस्टिक्स द्वारा NIA ब्रांडेड कैब सेवा शुरू की जा रही है। यह सेवा यात्रियों को समय पर, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव देगी।

    2. ऐप-आधारित टैक्सियां:
    उबर, रैपिडो और मेक माई ट्रिप जैसी कंपनियां ऑन-डिमांड कैब सेवा देंगी। ओला के साथ अनुबंध भी अंतिम चरण में है। यात्री मोबाइल ऐप से कैब बुक कर सकेंगे, किराया देख सकेंगे और लाइव ट्रैकिंग कर पाएंगे।

    3. कार रेंटल सेवाएं:
    यात्रियों को खुद चलाने वाली या ड्राइवर सहित कारें किराए पर लेने की सुविधा भी मिलेगी। कई कंपनियां इस सेवा के लिए तैयार हैं।

    उत्तर भारत का नया एविएशन हब बनने को तैयार
    इन सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) उत्तर भारत का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक विमानन केंद्र बनने जा रहा है। यह देश के उन चुनिंदा एयरपोर्ट्स में शामिल होगा, जहाँ सड़क, रेल, रैपिड रेल और बस—चारों माध्यमों से एकीकृत कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।