Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UPEIDA: इस गर्मी से पहले बन जाएंगे एसी वाले टॉयलेट, यूपी में एक्सप्रेस-वे के किनारे मिलेगी सहूलियत

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 08:37 PM (IST)

    यूपीडा के एक्सप्रेस-वे किनारे स्थित पेट्रोल पंपों पर अगले डेढ़ महीने में एसी टॉयलेट अनिवार्य रूप से बनाए जाएंगे अन्यथा कार्रवाई होगी। मुख्य सचिव मनोज ...और पढ़ें

    Hero Image
    इस गर्मी से पहले बन जाएंगे एसी वाले टॉयलेट - प्रतीकात्मक तस्वीर - फ्रीपिक

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के एक्सप्रेस-वे के निकट स्थित पट्रोल पंपों पर वातानुकूलित टायलेट अगले डेढ़ महीने के अंदर बनाए जाएंगे। इस अवधि में एसी टायलेट नहीं बनाने वाले पेट्रोल पंपों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।

    मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को यूपीडा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंपाें पर महिला तथा पुरुषों के लिए अलग-अलग टायलेट होना अनिवार्य है, साथ ही पेयजल व स्वच्छता जैसी अन्य बुनियादी सुविधाएं हर हाल में होनी चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेट्रोल पंप संचालकों को बुनियादी सुविधाओं तथा स्वच्छता का विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने पेट्रोल पंपों पर स्नैक्स की दुकानें खोलने की अनुमति दिए जाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिए। इस बैठक में यूपीडा के अधिकारी और पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

    हर जिले में स्थापित होंगी एक हजार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां

    वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) के तहत हर जिले में एक हजार इकाइयां शुरू की जाएंगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्वयं सहायता महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जाएगा। इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण विभाग व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को संयुक्त रूप से कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

    उप मुख्यमंत्री ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय में शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बताया कि पीएम एफएमई योजना के तहत 15 हजार से अधिक इकाइयों को अनुदान दिया गया है। इससे माध्यम से 1.50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया गया। वहीं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के तहत पांच हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ था।

    अब उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लाई गई हैं। इससे प्रदेश में चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने जा रहा है। निवेश पोर्टल के माध्यम से अब तक 880 आनलाइन आवेदन आ चुके हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विभाग के जिलास्तरीय अधिकारियों को अपने-अपने जिले में इकाइयों की स्थापना के लिए कम से कम एक हजार आवेदन कराने को कहा गया है।

    इन आवदेनों पर बैंकों से अनुदान दिलाने में भी अधिकारी प्रयास करेंगे। इसके लिए हर जिले में एक रिसोर्स पर्सन का चयन किया जाएगा। साथ ही पीएम एफएमई योजना के तहत स्थापित किए जा रहे कामन इन्क्यूबेशन सेंटर्स के संचालन के लिए भी स्वयं सहायता महिला समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव बीएल मीझाा, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विजय बहादुर द्विवेदी आदि अधिकारी उपस्थित थे।