64 की जगह 73 सीटें... एसी बस को देख अधिकारियों के उड़े होश, पब्लिक की जान को खतरा!
लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में एसी बसों की जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं। बसों में सीटों की संख्या मानक से अधिक पाई गई, और आपातकालीन द्वार पर अतिरिक्त सीटें लगाई गईं। अग्निशमन यंत्र भी कम क्षमता के पाए गए। दैनिक जागरण की पड़ताल के बाद परिवहन आयुक्त ने जांच का आदेश दिया था, जिसमें कई बसों में कमियां मिलीं। अधिकारियों ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

धर्मेश अवस्थी, लखनऊ। अरे! इसका रियर ओवरहैंग यानी पिछले पहिए से बस बाडी का पीछे का हिस्सा काफी अधिक है, यह 3720 होना चाहिए था लेकिन, 4600 मिलीमीटर है। 32 स्लीपर सीटों के सापेक्ष कुल 64 सीटें होना चाहिए लेकिन, यहां 73 सीटें लगी हैं। आपातकालीन द्वार की जगह मनमाने तरीके से अतिरिक्त सीट लगा दी गई। बस के मानक के अनुसार आगे व पिछले हिस्से में 10-10 किलोग्राम की जगह सिर्फ एक किलोग्राम का अग्निशमन यंत्र लगाया गया है।
सीतापुर जिले के संभागीय निरीक्षक आरआइ संजय कुमार ने यह टिप्पणी बुधवार को ट्रांसपोर्ट नगर की पार्किंग संख्या सात में बस संख्या यूपी 81 सीटी 8889 का परीक्षण करते हुए की। दैनिक जागरण ने जैसलमेर से जोधपुर, हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एसी बसों में आग लगने से बड़ी संख्या में मौतें होने पर बसों की पड़ताल शुरू करके निजी व सरकारी बसों की असलियत प्रकाशित किया।
परिवहन आयुक्त किंजल सिंह ने इसका संज्ञान लेकर एसी बसों की जांच का विशेष अभियान शुरू कराया है। पहले ही दिन निजी बसों में व्यापक कमियां मिलीं, अधिकारियों ने यह भी कहा, दैनिक जागरण ने जो लिखा वह यहां बसों में दिख रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर की पार्किंग में गैर प्रांतों की 50 से अधिक एसी बसों का दिन रात आवागमन होता है।
यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने बस की नाप कराई व एक-एक सीटें गिनी तो हैरान रह गईं। बस संख्या एमपी 70 जेडडी 1690 का शीशा क्रेक मिला, इससे ड्राइवर को बस चलाने में परेशानी होती है। साथ ही बस की बाडी में नियमों का उल्लंघन मिला। बस संख्या आरजे 14 पीएफ 0207 का भी आगे का शीशा क्रेक था।
बस संख्या एनएल 07 बी 0586 का भी अगला शीशा चिटका था, सीटें से मानक से अधिक पाई गईं। उधर, एआरटीओ प्रवर्तन राजीव कुमार बंसल ने बताया, 36 बसों की जांच में 30 बसों में छिटपुट कमियां मिली हैं, अधिकांश के मानक पूरे हैं। छह बसें तकनीकी रूप से ठीक नहीं थी, तीन बसों में आपातकालीन द्वार सही स्थान पर नहीं था, तीन बसों में फायर सिलेंडर, बस बाड़ी बढ़ाई गई, सीट व स्लीपर सीटों की संख्या मानक से काफी अधिक मिली है।
एआरटीओ ने बताया, तीन बसों का फिटनेस प्रमाणपत्र निरस्त करने की संस्तुति की गई है साथ ही जिन जिलों में पंजीकरण है वहां दोबारा परीक्षण कराकर तकनीकी रूप से बस को दुरुस्त करने का अनुरोध किया गया है। जांच हरदोई के आरआइ उमेश कटियार, पीटीओ मनोज कुमार आदि ने किया।
हर सीट पर शीशा तोड़ने की हथौड़ी
परिवहन विभाग की जांच में बस संख्या एआर 01 डब्ल्यू 6300 के मानक पूरे थे। बस में हर तरफ ग्लास लगा था और हर सीट पर हथौड़ी लगी थी ताकि आग लगने की स्थिति में यात्री शीशा तोड़कर जान बचा सकें। ऐसी बसें और भी बसें परिसर में खड़ी थी।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए आज भी होगी जांच
आरटीओ प्रशासन संजय कुमार तिवारी ने बताया, निजी एसी बसों के आपातकालीन द्वार, अग्निशमन यंत्र सहित अन्य यात्रियों की सुरक्षा के इंतजामों की जांच कराई जा रही है। यह कार्य गुरुवार को भी जारी रहेगा। आरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पांडेय ने बताया, जिन बसों में कमियां पाई गई हैं उन सभी का चालान होगा। यहां एआरटीओ प्रशासन प्रदीप कुमार सिंह भी मौजूद रहे।

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