यूपी में आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए अब सभी जिलों में बनेंगे ABC केंद्र
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के सभी जिलों में आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए पशु जन्म नियंत्रण केंद्र (एबीसी सेंटर) स्थापित करने जा रही है। वर्तमान में यह सुविधा केवल 17 नगर निगम वाले जिलों में है, लेकिन अब इसे 58 अन्य जिला मुख्यालयों तक विस्तारित किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के सभी जिलों में आवारा कुत्तों की आबादी के नियंत्रण के लिए पशु जन्म नियंत्रण केंद्र (एबीसी सेंटर) बनेंगे। अभी 17 नगर निगम वाले जिलों में ही ऐसे केंद्र है। अब शेष 58 जिल मुख्यालयों पर भी एबीसी केंद्र बनाए जाएंगे।
नगर निगम के साथ ही संबंधित जिले के अन्य नगरीय निकाय भी अपने क्षेत्र में पशु जन्म नियंत्रण सुुनिश्चित करने के लिए इन केंद्रों का इस्तेमाल कर सकेंगे। जिलों में एबीसी केंद्र के लिए बुनियादी ढांचे, बजट व अन्य जरूरतों को लेकर स्थानीय निकाय निदेशालय को पशुपालन विभाग के साथ एक योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
जिलों में पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम चलाने के लिए भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण व अनुभव रखने वाली एजेंसियों को भी सूचीबद्ध किया जाएगा। इसमें पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सकों भी शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
ये अधिकारी पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम की निगरानी भी करेंगे। निकाय स्तर पर वर्तमान में पशु जन्म नियंत्रण 2023 के अनुसार एबीसी की व्यवस्था की गई है। जिसमें आवारा कुत्तों को आजीवन रखने के लिए व्यवस्था शामिल नहीं है। ये व्यवस्था पशु कल्याण संस्थाएं स्वयं के खर्च पर कर रही हैं।
आजीवन आश्रय केंद्रों के लिए नगर निकायों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जरूरत के अनुसार प्रतिवर्ष आने वाली लागत, जिसमें मानव संसाधान, पशु भोजन, इलाज वाहन आदि के खर्च का अनुमान लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
लखनऊ नगर निगम के पशु जन्म नियंत्रण प्रशिक्षण केंद्र में संबंधित कर्मचारी-अधिकारियों को भेजना होगा। निकायों से चयनित एजेंसी को भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके आवेदन नगर निगम लखनऊ की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं।
नगरीय निकाय निदेशक अनुज झा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में एमिकस क्यूरी ने नगर निगमों की तरह ही अन्य जिलों के मुख्यालय पर भी एबीसी केंद्र खोलने की बात कही है। उसी के अनुसार जिला मुख्यालयों पर व्यवस्था की जा रही है।

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