गुजरात से सैफई लायन सफारी पहुंचे एक शेर व दो शेरनी
गुजरात से सैफई लॉयन सफारी में एक शेर व दो शेरनी पहुंच गये हैं। पटौदी, तपस्या व जेसिका नाम के इस नये कुनबे को फिलहाल पुराने कुनबे के दो शेरों व दो शेरनियों से करीब एक माह तक अलग रखा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि ये नये माहौल
लखनऊ। गुजरात से सैफई लॉयन सफारी में एक शेर व दो शेरनी पहुंच गये हैं। पटौदी, तपस्या व जेसिका नाम के इस नये कुनबे को फिलहाल पुराने कुनबे के दो शेरों व दो शेरनियों से करीब एक माह तक अलग रखा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि ये नये माहौल में अभ्यस्थ हो सकें और आकस्मिक रूप से होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण का पता चल सके।
लॉयन सफारी में गुजरात के जूनागढ़ स्थिति शक्करबाग चिडिय़ाघर से आये शेर पटौदी व साढ़े तीन वर्षीय शेरनी तपस्या व दूसरी सात साल की शेरनी जेसिका की पूरी निगरानी की जा रही है। सर्दी को देखते हुए यहां विशेष इंतजाम किये गये हैं। गुजरात में न्यूनतम तापमान 16 डिग्री है जिसमें रहने के ये अभ्यस्थ थे। यहां पर छह से सात डिग्री तापमान होने के कारण इनको धीरे-धीरे इस माहौल में अभ्यस्थ किया जायेगा।
शाम को ही खाना मिलेगा
पटौदी, तपस्या व जेसिका को शाम को चार बजे ही खाना दिया जाएगा। शक्करबाग जू के टाइम टेबल के अनुसार फिलहाल इन्हें खाना दिया जायेगा। पहले दिन नये कुनबे के शेर को बकरे का मीट पांच किलो व शेरनी को चार किलो मीट दिया गया। सफारी के डाक्टर अरङ्क्षवद त्रिपाठी ने बताया कि शेरों की खुराक धीरे-धीरे बढ़ायी जायेगी। सामान्य तौर पर स्वस्थ शेर 10 किलो तक व शेरनी आठ से लेकर नौ किलो तक मीट खा लेते हैं।
गुजरात के विशेषज्ञ लगे हैं निगरानी में
गुजरात के विशेषज्ञ छगन भाई बुहा विशेष सलाहकार के रूप में निगरानी कर रहे हैं। छगन भाई बुहा शक्करबाग जू में अपनी सेवाएं करीब तीस साल दे चुके हैं। इसके अलावा सफारी के डा.अरङ्क्षवद त्रिपाठी की पूरी टीम लगी है।
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