Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    70 साल पहले पं. जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी CDRI की नींव, अब सात दशक की स्मृतिका में दिखेगी भविष्य की राह

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Wed, 17 Feb 2021 01:25 PM (IST)

    बुधवार को सीएसआइआर- सीडीआरआइ अपना 70वां वार्षकिोत्सव मनाएगा। इस मौके पर जहां संस्थान के सात दशक के सफर को याद किया जाएगा। वहीं भविष्य की राह भी तय की जाएगी। इस मौके पर जहां संस्थान के सात दशक के सफर को याद किया जाएगा।

    Hero Image
    सीएसआइआर- केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) अपना 70वां स्‍थापना दिवस मनाने जा रहा है।

    लखनऊ [रूमा सिन्हा]। सीएसआइआर- केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) की आधारशिला 70 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा ड्रग रिसर्च के उद्देश्य से रखी गई थी। सीडीआरआइ देश की उम्मीदों पर खरा भी उतरा। बुधवार को सीडीआरआइ अपना 70वां वार्षकिोत्सव मनाएगा। इस मौके पर जहां संस्थान के सात दशक के सफर को याद किया जाएगा। वहीं भविष्य की राह भी तय की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीडीआरआइ के निदेशक डॉ. तपस के. कुंडू ने कहा कि यह जहां बेहद खुशी का मौका है। वहीं, देश के प्रति बड़ी जिम्मेदारी होने का भी एहसास कराता है। उन्होंने बताया कि सीडीआरआइ के बारे में परिकल्पना स्वतंत्रता से पहले ही की गई थी और उसे 17 फरवरी 1951 को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश को समर्पित किया गया। छतर मंजिल में सीडीआरआइ की स्थापना के साथ ही यह तय हो गया था कि स्वतंत्र भारत विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को तय करेगा। वैज्ञानिकों ने उम्मीदों को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास किया, जिसका नतीजा यह है कि भारत में जो 21 नई ड्रग खोजी गई हैं, उनमें से 13 सीडीआरआइ के नाम हैं। 

    विश्व स्तर पर स्वीकार की गई एंटीमलेरियल ड्रग अल्फा बीटा आर्टीथर और विश्व की पहली स्टेरायड रहित गर्भनिरोधक गोली सेंटक्रोमान की खोज ने सीडीआरआइ को पूरे विश्व में पहचान दिलाई। डॉ. कुंडू ने कहा औषधि व फार्मा के क्षेत्र में 80 से ज्यादा देशज प्रोसेस टेक्नोलाजी विकसित कर विश्व में देश को इंडियन फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में अपनी धाक जमाने का मौका दिया। बीते कई वर्षो से भारत को फार्मेसी आफ वल्र्ड के रूप में जाना जाता है। सीडीआरआइ की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। संस्थान सरकार की नीति, मिशन और दृष्टि के साथ कदमताल करते हुए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं व भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर अपने औषधि शोध को आगे बढ़ा रहा है। 

    संस्थान के मुख्य शोध क्षेत्र 

    परजीवी एवं माइक्रोबियल संक्रमण, बढ़ती उम्र के रोग, न्यूरोसाइंस, कैंसर का जैविक विज्ञान एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर केंद्रित हैं। संस्थान वायरल संक्रमण तथा न्यूरोसाइंस एजिंग के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को मजबूत कर रहा है, क्योंकि यह भविष्य की जरूरत है। यही नहीं, संस्थान सीएसआइआर के पैन कैंसर रिसर्च प्रोग्राम को नेतृत्व प्रदान कर रहा है। इसके लिए प्रमुख मेडिकल कालेजों के साथ एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र के शोध उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके। वहीं, अब्दुल कलाम आजाद टेक्निकल यूनिवर्सटिी व केजीएमयू के साथ संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार वायरल रिसर्च को स्थापित कर रहा है। इसके तहत इंसेफेलाइटिस, डेंगू के क्षेत्र में औषधि विकास की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। संस्थान की कोशिश है की मणिपुर में प्राकृतिक स्नोतों पर आधारित औषधि अनुसंधान व विकास का एक केंद्र स्थापित किया जाए और उस क्षेत्र में स्वास्थ्य उपचार के लिए इस्तेमाल की जा रही प्राकृतिक संपदा को औषधि विकास से जोड़ा जाए। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए संस्थान ने एक कदम बढ़ाते हुए एंटीवायरल औषधि उमीफेनोविर की प्रोसेस टेक्नोलाजी विकसित की है।

     

    सीडीआरआइ आज मनाएगा अपना 70वां वार्षिकोत्सव, सीडीआरआइ व्याख्यान आज

    सीडीआरआइ द्वारा 70 वें वार्षकिोत्सव पर अटल नेशनल कोलोक्वियम ऑन हेल्थकेयर एंड इनोवेशन व्याख्यान श्रृंखला शुरू की जा रही है। इसके तहत नामचीन लोगों के नाम पर व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे। इस कड़ी में पहला व्याख्यान बुधवार को संस्थान के वार्षकिोत्सव के मौके पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवर्धन देंगे। अटलजी ने जय जवान जय किसान जय विज्ञान का नारा दिया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़ाते हुए जय अनुसंधान जोड़ा। डा.कुंडू ने कहा कि हमारा उद्देश्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेसिक व एप्लाइड शोध के लिए वैज्ञानिकों में जिम्मेदारी का अहसास कराना है। इसे इंडस्ट्री के साथ समाज की जरूरतों के मुताबिक शोध को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। व्याख्यान दोपहर 1:30 बजे से आनलाइन होगा। इसके उपरांत 3:00 बजे से सीएसआइआर के महानिदेशक डा. शेखर सी. मांडे व्याख्यान देंगे। इस मौके पर वार्षिक रिपोर्ट, कॉफी टेबल व स्मारिका भी जारी की जाएगी।

    सीडीआरआइ ने न केवल औषधि अनुसंधान में बल्कि ऐसी बीमारियां जैसे अस्थि रोग, रीप्रोडक्टिव हेल्थ और लाइफस्टाइल डिसआर्डर में उल्लेखनीय कार्य किया है। संस्थान द्वारा कई नई दवाइयां खोजी गईं, जिनमें से गर्भनिरोधक दवा छाया को राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम और ई-माल को राष्ट्रीय मलेरियारोधी कार्यक्रमों में शामिल किया गया है। संस्थान अनुसंधान ही नहीं, बल्कि देश को मानव संसाधन उपलब्ध कराने में भी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कोविड-19 महामारी में सीडीआरआइ द्वारा जांच के लिए प्रदेश सरकार को पूरा सहयोग दिया। यही नहीं, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की जिनोम सीक्वेंसिंग भी की गई। वैज्ञानिकों ने मेक इन इंडिया अभियान के तहत एंटीवायरल औषधि उमीफेनोविर को बनाने की देशज तकनीक विकसित कर फार्मा कंपनी को लाइसेंस किया गया।

    -डा.शेखर सी. मांडे, सचिव, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग तथा महानिदेशक, सीएसआइआर।

    देश में औषधि विकास के लिए सीडीआरआइ की भूमिका बेहद अहम है। सीडीआरआइ ने देश को सस्ती हेल्थकेयर टेक्नोलाजी और दवाएं देकर बड़ा काम किया है। कोरोना महामारी में सीडीआरआइ द्वारा जांच सुविधाएं व औषधि विकास कर राष्ट्र की मदद की गई। यही नहीं, फार्मा इंडस्ट्री में क्वालिटी मानव संसाधन भी देश दुनिया को उपलब्ध कराए। यहां से पीएचडी करने वाले राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं।

    डा.बलराम भार्गव, महानिदेशक, आइसीएमआर

    सीडीआरआइ मेरी कर्मभूमि है। रिसर्च फेलो से करियर की शुरुआत करके मैंने संस्थान का निदेशक पद तक संभाला। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने संस्थान द्वारा विकसित सेंटक्रोमान दवा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण कार्यक्रम के लिए रिलीज किया। वहीं ब्राम्ही से तैयार मेमोरी प्लस भी जारी की। औषधि विकास विशेषज्ञता, संसाधन और सिंथेसिस के लिए हर तरह की जरूरी सुविधाएं सीडीआरआइ में एक ही कैंपस में मौजूद हैं। यही वजह है कि औषधि विकास के लिए यह एक प्रतिष्ठित प्रीमियर इंस्टीट्यूट माना जाता है।

    डा.वीपी कम्बोज, पूर्व निदेशक, सीडीआरआइ

    संस्थान लगातार सात दशक से देश की सेवा कर रहा है। सीडीआरआइ ने नई औषधि के साथ-साथ ब्रेकथ्रू टेक्नोलाजी, विश्व स्तरीय शोध, प्रशिक्षित व दक्ष मानव संसाधन जैसे बहुत सारे लक्ष्य एक साथ साधे हैं। स्थापना दिवस के अवसर पर सीडीआरआइ के पूरे सफर को सोवीनायर के माध्यम से जारी किया जा रहा है। कोविड-19 महामारी में संस्थान ने आगे बढ़कर एक बार फिर खुद को साबित किया है। राष्ट्रीय मिशन से जुड़कर डायग्नोस्टिक, ड्रग रीपरपजिंग और फंडामेंटल रिसर्च में उत्कृष्ट योगदान देकर मिसाल कायम की। -डा.तपस कुमार कुंडू, निदेशक, सीएसआइआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान

    नई दिल्ली : डा. बी. मुखर्जी, डा. एमएल धर, डा. बीएन सिंह, डा. एबी कार, डा. नित्या आनंद, डा. सीआर कृष्णमूíत, डा. एमएम धर, डा. बीएन धवन, डा. डीएस भाकुनी, डा. बीएम गुप्ता, डा. एबी सेन, डा. जीपी दत्ता, डा. आरएस कपिल, डा. जेएनएस यादव, डा. आरएन चक्रवर्ती , डा. वीपी कम्बोज, डा. सीएम गुप्ता, डा. स्वर्ण नित्यानंद, डा. विनोद भाकुनी, डा. टीके चक्रवर्ती, डा. मधु दीक्षित, डा. अनुरुद्ध दुबे, डा. सनम हबीब।

    डा. नित्यानंद, पूर्व निदेशक सीडीआरआइ