World cancer day: कैंसर के 70 फीसद केस तीसरे चरण में पहुंचते हैं अस्पताल, ये लक्षण हों तो तुरंत लें सलाह
World cancer day today एसजीपीजीआइ के कैंसर रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि लक्षण के प्रकट होते ही मरीज इलाज के लिए योग्य चिकित्सक के पास पहुंच जाए तो कैंसर से होने वाली मौतों पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। अपने इलाज के लिए सत्तर प्रतिशत कैंसर रोगी तब पहुंचते हैं, जब रोग अपनी तीसरी अवस्था में पहुंच जाता है। इस अवस्था में कैंसर कोशिकाएं इतनी फैल चुकी होती है कि उन्हें नष्ट करने में न तो कीमियो थेरेपी कारगर होती है और न ही सर्जरी।
विश्व कैंसर दिवस (चार फरवरी) पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान स्नातकोत्तर संस्थान एसजीपीजीआइ के कैंसर रोग विशेषज्ञ प्रो. नीरज रस्तोगी और स्तन कैंसर विशेषज्ञ प्रो. ज्ञान चंद कहते हैं कि यदि लक्षण के प्रकट होते ही मरीज इलाज के लिए योग्य चिकित्सक के पास पहुंच जाए तो कैंसर से होने वाली मौतों पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं में रक्त कैसर व्यस्क पुरुषों में मुंह, गले, फेफड़े व पौरूष ग्रंथि के कैंसर अधिक देखे गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी में कैंसर संस्थान, लोहिया, एसजीपीजीआइ, मेडिकल विवि में कैंसर के इलाज की व्यवस्था है।
क्या है कैंसरः कोशिकाएं शरीर में बदलावों के कारण बढ़ती रहती हैं। जब ये कोशिकाएं अनियंत्रित तौर पर बढ़ती हैं और पूरे शरीर में फैल जाती हैं, तब यह शरीर के बाकी हिस्सों को उनका काम करने में कठिनाई उत्पन्न करने लगती हैं। इससे उन हिस्सों पर कोशिकाओं का गुच्छा सौम्य गांठ या ट्यूमर बन जाता है। इस अवस्था को कैंसर कहते हैं। यह शरीर के किसी भी अंग में अलग-अलग रूपों में हो सकता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है।
यह लक्षण हों तो तुरंत लें सलाह
- मूत्र, मल या योनि से रक्त आ रहा है
- स्तन या शरीर के किसी भाग पर गांठ है
- लंबे समय से बलगम आ रहा है
- सांस लेने में तकलीफ हो रही है
- भूख कम हो गई हो
- शरीर का वजन लगातार गिरता जा रहा हो
- शरीर का कोई घाव नहीं भर रहा हो
- हीमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा हो
सौ से अधिक तरह के होते है कैंसरः कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप हैं। स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट, गर्भाशय, किडनी, फेफड़ा, त्वचा, स्टमक, थायराइड, मुंह और गले का कैंसर इत्यादि।
महिलाएं अधिक होती हैं शिकारः कैंसर से सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ प्रमुख- महिलाओं में सबसे अधिक मौत ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से होती हैं। पुरुषों में सबसे अधिक मौतें फेफड़ों, आमाशय, यकृत, मल मार्ग और ब्रेन कैंसर से होती हैं। कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है।
यह बढ़ाते हैं जोखिमः हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं. लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा किसी को भी हो सकता है।
ये कारक हैं
- वजन बढ़ना या मोटापा
- अधिक शारीरिक सक्रियता न होना
- एल्कोहल और नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना
- अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल न करना
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