TET परीक्षा में आवेदन ही नहीं कर सकेंगे 50 हजार शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट ने पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया है जिससे कई शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। शिक्षक संगठनों के अनुसार कुछ श्रेणियों के शिक्षक न्यूनतम योग्यता के अभाव में आवेदन नहीं कर पाएंगे। संगठन सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं क्योंकि टीईटी के लिए स्नातक और बीटीसी अनिवार्य है और स्नातक में 45% अंक अनिवार्य हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है। फैसले के बाद टीईटी पास नहीं कर पाने वाले शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि पांच श्रेणियों के शिक्षक टीईटी में आवेदन ही नहीं कर पाएंगे।
वर्ष 2000 से पहले नियुक्त शिक्षक, स्नातक में कम अंक पाने वाले, बीएड धारक व विशिष्ट बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) नियुक्तियां, मृतक आश्रित नियुक्त शिक्षक व डीपीएड (डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन) व बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) शिक्षक इन श्रेणी में शामिल हैं।
प्रदेश के शिक्षक संगठन संयुक्त मोर्चा बनाकर सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका दाखिल करने की मांग कर रहे हैं।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि कार्यरत कई शिक्षक न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के अभाव में टीईटी के लिए आवेदन तक नहीं कर पा रहे हैं। टीईटी के लिए स्नातक और बीटीसी आवश्यक है, जबकि अनेक शिक्षक इस अर्हता को पूरा नहीं कर पाएंगे।
कई शिक्षकों के स्नातक में 45 प्रतिशत अंक नहीं होने से भी आवेदन में दिक्कत आएगी। शिक्षक संगठनों का दावा है कि 50 हजार से अधिक कार्यरत शिक्षकों के पास टीईटी में बैठने की न्यूनतम योग्यता ही नहीं है।
संगठन सरकार से हस्तक्षेप की अपील कर रहा है। नियम स्पष्ट है कि टीईटी के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक के साथ बीटीसी और स्नातक में कम से कम 45 प्रतिशत अंक की है।
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