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    Free Electricity: यूपी में 50 प्रतिशत किसान नहीं ले पा रहे मुफ्त बिजली योजना का लाभ, ये है बड़ी वजह

    Updated: Mon, 18 Nov 2024 03:47 PM (IST)

    उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि 31 मार्च 2023 से पहले जिन किसानों को गलत बिल बना है उन्हें ऊर्जा निगम के अधिकारी सही नहीं कर रहे हैं। ऊर्जा निगम में इससे संबंधित पत्रावली छह माह से धूल फांक रही है। उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद के किसान रघुवीर सिंह पर 92994 रुपये का बिल बकाया है जबकि धरमूर सिंह पर 67903 रुपये का बिल बकाया है।

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    50 प्रतिशत किसानों को नहीं म‍िल पा रहा मुफ्त बि‍जली योजना का लाभ।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के 50 प्रतिशत किसानों को सरकार की मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबिनार में कई किसानों ने कहा कि योजना के तहत पंजीकरण कराने से पहले बकाया बिलों का भुगतान करने को कहा जाता है।  बिजली कंपनियों ने कागजों पर किसानों के वास्तविक बिल से ज्यादा बकाया दिखा रखा है, इसलिए ज्यादातर किसान उसे नहीं जमा कर रहे हैं।

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    उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि 31 मार्च 2023 से पहले जिन किसानों को गलत बिल बना है, उन्हें ऊर्जा निगम के अधिकारी सही नहीं कर रहे हैं। ऊर्जा निगम में इससे संबंधित पत्रावली छह माह से धूल फांक रही है। उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद के किसान रघुवीर सिंह पर 92,994 रुपये का बिल बकाया है, जबकि धरमूर सिंह पर 67,903 रुपये का बिल बकाया है। फर्रुखाबाद, अलीगढ़, गाजीपुर, हाथरस, बलिया, प्रतापगढ़ व लखनऊ के किसानों ने वेबिनार में साक्ष्य भी दिए हैं कि बिजली कंपनियों की तरफ से भेजे गए बिल की राशि वास्तविक नहीं है।

    आठ लाख क‍िसानों ने ही कराया पंजीकरण

    प्रदेश में 15,72,327 किसानों में मात्र आठ लाख ने ही अभी तक निश्शुल्क बिजली योजना के तहत पंजीकरण कराया है। उन्होंने मांग की है कि किसानों के बकाया बिलों की जांच कर वास्तविक बिल दिए जाएं, जिससे वे निशुल्क बिजली योजना के तहत पंजीकरण करा सकें।

    40 हजार उपभोक्ताओं को अब निर्बाध बिजली आपूर्ति

    संवाद सूत्र, लखीमपुर। लखीमपुर शहर के दो बिजली उपकेंद्र से जुड़े करीब 40 हजार उपभोक्ताओं को अब निर्बाध रूप से बिजली मिलेगी। पहले अंडरलाइन केबल के जर्जर होने के कारण दिक्कत आती थी। पूरी रात तो कभी दो-दो दिन तक लोगों को बिजली की समस्या से परेशान होना पड़ता था लेकिन अब बिजनेस प्लान के तहत राजापुर चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट पावर हाउस और वहां से नई बस्ती पावर हाउस की लाइन नई बनाई जा रही है। खंभे लगाने का काम पूरा हो गया है और अब बस लाइन बेचकर कलेक्ट्रेट पावर हाउस से जोड़ना बाकी है। गर्मी के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी कलेक्ट्रेट और नई बस्ती उपकेंद्र से जुड़े उपभोक्ताओं को हो रही थी। दोनों उपकेंद्रों कलेक्ट्रेट से करीब 17 हजार उपभोक्ता व नई बस्ती से करीब 23 हजार उपभोक्ता जुड़े हुए हैं। बिजली लाइनों के टूटने या ट्रांसफार्मर में खराबी आने पर कुछ घंटे के लिए सप्लाई जाती थी और उन्हें दुरुस्त कर दिया जाता था, लेकिन जब 33 केवी लाइन में तकनीकी खराबी आती थी तब लोगों को रात भर और पूरा दिन बिजली कटौती से जुड़ना पड़ता था।

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