यूपी में 44 हजार ड्राइविंग लाइसेंस अचानक क्यों अटक गए? 25 नवंबर से अप्रूवल ठप
उत्तर प्रदेश में 44 हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस अटके हुए हैं, क्योंकि वे लाइसेंस मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) में फंसे हैं। स्मार्ट चिप कंपनी की लापरवाही के कारण यह समस्या आई है। परिवहन विभाग ने नए अप्रूवल बंद कर दिए हैं और लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए टीमें गठित की हैं। 10 दिसंबर के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। प्रदेशभर के 44 हजार से अधिक लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) नहीं बन पा रहा है। सभी लाइसेंस की मैनेजमेंट सिस्टम यानी केएमएस में फंसे हुए है। जिलों से लाइसेंस का अप्रूवल होने के बाद डीएल कंपनी केएमएस प्रक्रिया पूरी होने पर ही लाइसेंस प्रिंट हो पाता है।
सभी जिलों में डीएल बनवाने के लिए आवेदक की फोटो खिंचवाई जा रही व डिजिटल हस्ताक्षर कराया जा रहा लेकिन अप्रूवल अभी न करने के निर्देश हैं, ताकि लंबित डीएल की संख्या न बढ़े।
परिवहन विभाग में छह साल बाद डीएल निर्माण का कार्य हस्तांतरित होना है। यह कार्य कर रही स्मार्ट चिप कंपनी ने जाते जाते लंबित डीएल की संख्या 44 हजार पार कर दिया है यानी 44 हजार से अधिक नए व पुराने डीएल का रिनीवल नहीं हो पा रहा है। असल में, स्मार्ट चिप कंपनी की विस्तारित सेवा अवधि दिसंबर 2025 तक रही है लेकिन परिवहन अधिकारियों ने पहली दिसंबर को ही तीन नई कंपनियों को कार्य सौंपने का निर्णय लिया। वह पत्र जारी होने के बाद से लंबित डीएल की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी।
प्रदेशभर से शिकायत होने और लंबित डीएल की संख्या 44 हजार पार होने पर परिवहन विभाग हरकत में आया। सभी जिलों को पत्र भेजकर 25 नवंबर से नए डीएल का अप्रूवल न करने का आदेश दिया गया। दो दिन में सभी कार्य पूरा कराने के लिए लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, सीतापुर बाराबंकी जिलों से दो दो स्टाफ बुलाकर कार्य पूरा कराया जा रहा है। निर्देश है कि शुक्रवार 28 नवंबर तक नया अप्रूवल न हो। 29 नवंबर से जिले नया अप्रूवल भेज सकते हैं इसी बीच नई कंपनियां कामकाज संभाल कर डीएल बनाना शुरू कर देंगी।
लखनऊ में ही दो दिन में ट्रांसपोर्ट नगर व देवा रोड कार्यालय के एक हजार नए व पुराने ड्राइविंग लाइसेंसों का अप्रूवल नहीं हो सका है। अब 10 दिसंबर के बाद कामकाज सामान्य होने की उम्मीद है। लोगों को अभी डीएल मिलने की राह देखनी होगी। अपर आयुक्त आइटी सुनीता वर्मा ने बताया कि एनआइसी के निर्देश पर डीएल निर्माण कंपनियों को हस्तांतरित हो रहा है। इसीलिए समय लग रहा है, जल्द ही तेजी से डीएल जारी किए जाएंगे।
क्या है केएमएस
ड्राइविंग लाइसेंस बनने से पहले आवेदक का नाम, पता आदि उसके आधार से मिलान किया जाता है यह पूरा होने पर ही डीएल को प्रिंट किया जाता है। इस सिस्टम में गड़बड़ी होने पर गलत डीएल बन जाते हैं।

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