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    CAA लागू होने से पहले ही यूपी के इस शहर में 400 शरणार्थियों को दी जा चुकी है नागर‍िकता, पाइप लाइन में हैं 50 मामले

    Updated: Tue, 12 Mar 2024 09:37 AM (IST)

    लखनऊ में करीब चार सौ शरणार्थियों को नागरिकता दी जा चुकी है जबक‍ि अभी करीब 50 मामले पाइप लाइन में हैं। अब जबकि केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है तो उन लोगों में भी उम्मीद जगी है जिनको अभी आधिकारिक रूप से भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई है। प्रशासन का कहना है कि कुछ ही मामले लंबित हैं जिन पर जल्दी फैसला लिया जाएगा

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    देश में लागू हुआ नागरिकता संशोधन कानून (CAA)।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने से पहले ही लखनऊ में करीब चार सौ शरणार्थियों को नागरिकता दी जा चुकी है। लखनऊ में अभी करीब 50 मामले पाइप लाइन में हैं, जिनको जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी। अब जबकि केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है तो उन लोगों में भी उम्मीद जगी है जिनको अभी आधिकारिक रूप से भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई है।

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    प्रशासन का कहना है कि कुछ ही मामले लंबित हैं जिन पर जल्दी फैसला लिया जाएगा। एडीएम प्रशासन शुभि सिंह का कहना है कि जो भी मामले नागरिकता के हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा रहा है। दरअसल नब्बे के दशक में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लखनऊ में काफी बड़ी संख्या में शरणार्थी आए थे। उधर, इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र देवबंद स्थित दारुल उलूम ने इस मामले में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। वहीं, जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों धड़ों ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

    जमीयत उलमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) के प्रवक्ता मौलाना फजलुर्रहमान का कहना है कि पहले मामले का अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद संगठन कोई बयान जारी करेगा। शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वाले शिव शांति आश्रम के सेवादार दर्शन लाल का कहना है कि हमारे समाज के करीब 40 लोग और हैं, जिन्हें नागरिकता देने की कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। रायबरेली, अयोध्या, अलीगढ़ और आगरा के भी लगभग 40 ही लोग और हैं, जिन्हें नागरिकता मिलने की प्रतीक्षा है। सीएए लागू करने के लिए सरकार का विशेष धन्यवाद।

    लखनऊ के शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने में राजनाथ सिंह का बड़ा योगदान रहा। उनके निर्देश पर लखनऊ के सभी मामले सीधे डीएम की निगरानी में रहते हैं, जिससे निस्तारण में देर नहीं लगती है। दर्शनलाल की तरह ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए लोगों की लड़ाई लड़ने वाले सिंधी समाज के मुरलीधर आहूजा ने कहा, सीएए लागू करने का केंद्र सरकार का निर्णय प्रशंसनीय है। इसके लिए सरकार का आभार। इससे वर्षों से देश में रह रहे शरणार्थियों की उम्मीदें पूरी हो गई हैं।

    ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ''समाज की लीगल कमेटी सीएए का अध्ययन करेगी। फिर आगे का नजरिया पेश किया जाएगा। यह बात आ रही है कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। लोगों से अपील है कि इंटरनेट मीडिया का गलत इस्तेमाल न करें।

    उप्र जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्‍यक्ष डा. अभय जैन ने कहा, ''केंद्र सरकार का यह सही निर्णय है। इससे देश के उन शरणार्थियों की वर्षों से प्रतीक्षित उम्मीदें पूरी हो गई हैं। संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो सकेंगे।''

    अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के कार्यकारी अध्‍यक्ष हरगोविंद कुशवाहा ने कहा, ''नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी। सरकार का यह बड़ा कदम है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए।'' 

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    लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्‍यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने कहा क‍ि सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों को सुरक्षित किया है। इससे पड़ोसी देशों से आने वाले घुसपैठियों पर लगाम लगेगी और यहां के अल्पसंख्यकों को अधिकार मिलेगा। मैं इसका स्वागत करता हूं और सरकार को बधाई देता हूं।

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    केंद्र सरकार ने सीएएए का नोटिफिकेशन जारी बहुत अच्छा काम किया है। केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत करता हूं। पड़ोसी देश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा होगी।- श्रीमहंत धर्मेंद्र दास, सभापति, अखिल भारतीय उदासीन संप्रदायिक संगत

    पाकिस्तान व अफगानिस्तान मसीह समुदाय पर अत्याचार हो रहे हैं। अगर वे यहां आते हैं तो उनको यहां की नागरिकता भी मिलनी चाहिए, कानून में इसका भी प्रविधान किया जाए।- मौलाना सैफ अब्बास, अध्यक्ष मरकजी शिया चांद कमेटी