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    Cantonment Board Central Command: मध्य कमान में 25 छावनी चार लाख मतदाता, डेढ़ साल से चुनाव का इंतजार

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jun 2021 02:49 PM (IST)

    देश मे सबसे कम मतदाता वाले रक्षा मंत्रालय के स्थानीय निकाय छावनी परिषद के चुनाव पिछले साल फरवरी से लंबित है। अब तक रक्षा मंत्रालय वैरी बोर्ड का गठन तक नही कर सका है। देश मे सबसे अधिक 25 छावनी परिषद मध्य कमान के सात राज्यो में है।

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    देश मे सबसे कम मतदाता वाले रक्षा मंत्रालय के स्थानीय निकाय छावनी परिषद के चुनाव साल फरवरी से लंबित है।

    लखनऊ [निशांत यादव]। पहले बंगाल सहित पांच राज्य और फिर यूपी पंचायत चुनाव के बाद देश भर की छावनियों में डेढ़ साल से शांत सियासी अखाड़ा में हलचल तेज हो गई है। देश मे सबसे कम मतदाता वाले रक्षा मंत्रालय के स्थानीय निकाय छावनी परिषद के चुनाव पिछले साल फरवरी से लंबित है। अब तक रक्षा मंत्रालय वैरी बोर्ड का गठन तक नही कर सका है।

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    देश मे सबसे अधिक 25 छावनी परिषद मध्य कमान के सात राज्यो में है। जिनमे वर्ष 2019 के पंजीकृत असैन्य मतदाताओं की संख्या कुल 405184 है। अधिकांश छावनी के प्रत्येक वार्ड में औसत मतदाताओं की संख्या 1800 से भी कम है। इस स्थानीय निकाय का काम नगर निगम की तरह छावनी के सैन्य व असैन्य इलाको में स्वास्थ्य, शिक्षा, सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना होता है। जनसंख्या के अनुसार यहाँ वार्डो की संख्या होती है। जिनमे जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है। इनको छावनी परिषद सदस्य कहते हैं। जनसंख्या के अनुसार छावनी चार श्रेणी में विभाजित होती है। ए क्लास छावनी में आठ, बी क्लास में सात, सी क्लास में छह और सी क्लास छावनी में अधिकतम दो वार्ड होते हैं।पांच साल के लिए निर्वाचित होने वाले सदस्यों का आखिरी बार चुनाव फरवरी 2015 में हुआ था। इस चुनाव में पहली बार भाजपा ने अपने सिम्बल पर प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि लखनऊ सहित कुछ छावनियों में सिम्बल आवंटित नही हुए थे। चुनाव में भाजपा को नुकसान का सामना करना पड़ा। निर्दल प्रत्याशियों का दबदबा रहा। रक्षा मंत्री के संसदीय क्षेत्र वाली लखनऊ छावनी की आठ में से एक भी वार्ड में भाजपा जीत दर्ज नही कर सकी थी।

    चुनाव को लेकर सरगर्मी नहीं: छावनी परिषद अधिनियम 2006 के मुताबिक निर्वाचित सदस्यों का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर छह छह माह का दो विस्तार दिया गया। इस साल 10 फरवरी को निर्वाचित सदन भंग हो गया। अब जनता की ओर से प्रतिनिधित्व विहीन वैरी बोर्ड ही बचा है। अखिल भारतीय छावनी परिषद में राष्ट्रीय महासचिव व परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रतन सिंघानियां, सचिव अशफाक कुरैशी व रूपा देवी कहती हैं कि देश मे सबसे कम मतदाता छावनी परिषद में होते हैं। लेकिन रक्षा मंत्रालय इस स्थानीय निकाय की उपेक्षा कर रहा है। यहां कोविड नियमों का पालन करते हुए आसानी और सुरक्षित तरीके से चुनाव कराया जा सकता है। यूपी की इन छावनी में इतने मतदाताछावनी कुल मतदाता - प्रत्येक वार्ड औसत मतदाता आगरा 20474 2559इलाहाबाद 15696 2242 बरेली 9941 1420 फैजाबाद 4024 575फतेहगढ़ 6750 964 कानपुर 71989 8999लखनऊ 19471 2434मथुरा 12228 1747मेरठ 29775 3722शाहजहांपुर 7425 1061वाराणसी 7227 1032