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    शहरी व ग्रामीण निकायों के लिए यूपी ने मांगे 3.39 लाख करोड़, तेजी से हो सकेगा चौतरफा विकास

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 06 Jun 2025 09:42 PM (IST)

    16th Finance Commission in UP प्रस्ताव में कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 2021-22 में 7208 करोड़ रुपये 2022-23 में 7466 करोड़ रुपये 2023-24 में 7547 करोड़ रुपये 2024-25 में 7994 करोड़ रुपये तथा चालू वित्तीय वर्ष में 2025-26 में अब तक 7797 करोड़ रुपये मिले हैं।

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    शहरी व ग्रामीण निकायों के लिए यूपी ने मांगे 3.39 लाख करोड़

    हेमंत श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ : राज्य सरकार की तरफ से पंचायती राज संस्थाओं तथा नगरीय निकायों के लिए 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष 3,39,500.85 करोड़ रुपये की मांग की गई है। पंचायती राज संस्थाओं के लिए 2,10,100.85 करोड़ रुपये तथा शहरी निकायों के लिए 1,29,400 करोड़ रुपये की मांग प्रस्तावित की गई है। यह धनराशि पांच वर्षों के लिए प्रस्तावित है। आयोग अगर प्रस्ताव को तरजीह देता है तो प्रदेश में शहरी निकायों व ग्रामीण क्षेत्रों का चौतरफा विकास तेजी से हो सकेगा।

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    16वें वित्त आयोग के समक्ष रखे गए प्रस्ताव में पंचायती राज विभाग ने कहा है कि ग्राम पंचायतों के पास पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, परिषदीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, एएनएम सेंटर, हैंडपंप, सड़क, नालियों आदि का रखरखाव, मरम्मत के साथ ही अन्य कई जिम्मेदारियां हैं। क्षेत्र पंचायतों के पास बीज विपणन केंद्र, पशु चिकित्सालय, कृषि विज्ञान केंद्र, सड़क, नालियां आदि के रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी है।

    इसी प्रकार जिला पंचायतों के पास व्यावसायिक दुकानें, कांजी हाऊस, सड़क व नालियों के रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी है। प्रदेश की ग्राम पंचायतों को मैनपावर पर सबसे अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ती है। कहा गया है कि केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि भी राज्य वित्त आयोग की तरह हर वर्ष बढ़ाई जानी चाहिए।

    ग्रामीण स्थानीय निकायों (पंचायती राज संस्थाओं) के लिए विभाग द्वारा तैयार किए गए मांगपत्र में रखरखाव के मद में 39,104.48 करोड़ रुपये, संचालन मद में 31,464.26 करोड़ रुपये तथा संसाधनों के विकास के लिए सबसे अधिक 1,39,532.11 करोड़ रुपये की मांग प्रस्तावित है।

    इस धनराशि से कार्यालय भवनों के रखरखाव व निर्माण, आवासीय भवनों का निर्माण, सामुदायिक शौचालय व स्कूलों के रखरखाव, आंगनबाड़ी केंद्र व एएनएम सेंटर का रखरखाव, पंचायत भवनों के रखरखाव, हैंडपंप, अमृत सरोवर, तालाब, भूजल रीचार्ज, सड़कों का रखरखाव व निर्माण, नालियों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट, हाईमास्ट लाइट की स्थापना, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों तथा जिला पंचायतों के संचालन पर होने वाले खर्च आदि का जिक्र किया गया है।

    पंचायती राज विभाग ने इन मदों में मांगी धनराशि

    • 39,104.48 करोड़ रुपये रखरखाव के मद में
    • 31,464.26 करोड़ रुपये संचालन मद में
    • 1,39,532.11 करोड़ रुपये संसाधनों के विकास के मद में

    पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं की जरूरतों से आयोग को विस्तार से अवगत कराया गया है। उम्मीद जताई है कि आयोग विभाग की मांगों को पूरा करने की कोशिश करेगा।

    प्रस्ताव में कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 2021-22 में 7,208 करोड़ रुपये, 2022-23 में 7,466 करोड़ रुपये, 2023-24 में 7,547 करोड़ रुपये, 2024-25 में 7,994 करोड़ रुपये तथा चालू वित्तीय वर्ष में 2025-26 में अब तक 7,797 करोड़ रुपये मिले हैं। 15वें वित्त आयोग से अब तक कुल 38,012 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, जबकि राज्य वित्त आयोग से ग्रामीण स्थानीय निकायों को अब तक 43,673.78 करोड़ रुपये इस अवधि में मिले हैं।

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