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    यूपी के 16 आइएएस अधिकारी बिहार चुनाव में बने आब्जर्वर, कल बिहार में करेंगे रिपोर्ट

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 03:03 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के 16 आईएएस अधिकारियों को बिहार चुनाव के लिए ऑब्जर्वर बनाया गया है। ये अधिकारी कल बिहार में रिपोर्ट करेंगे। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए इनकी नियुक्ति की है। ये अधिकारी चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और किसी भी अनियमितता की सूचना देंगे। सभी अधिकारियों को कल अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिहार विधान सभा चुनाव के पहले चरण में उत्तर प्रदेश के 16 आइएएस अधिकारियों को आब्जर्वर के रूप में तैनात किया गया है। इन अधिकारियों को 16 अक्टूबर को बिहार में रिपोर्ट करना है। ये अधिकारी चुनावी प्रक्रिया की निगरानी, मतदाता सुरक्षा और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का कार्य करेंगे।

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    इन 16 आइएएस अधिकारियों में अजय कुमार शुक्ला, बलकार सिंह, चैत्रा वी, ओम प्रकाश, सेल्वा कुमारी जे, अमित सिंह बंसल, भानु चन्द्र गोस्वामी, प्रांजल यादव, उदय भानु त्रिपाठी, अनामिका सिंह, भवानी सिंह खंगारोत, गौरी शंकर प्रियदर्शी, जीएस नवीन कुमार और राज शेखर शामिल हैं।

    ये अधिकारी निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्रों, मतदाता सूची, मतदान सामग्री और अन्य चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वहीं, दूसरे चरण के चुनाव के लिए भी प्रदेश के 15 आइएएस अधिकारियों को बिहार भेजा जा रहा है। इन्हें 19 अक्टूबर को रिपोर्ट करना है। पहले चरण का मतदान छह नवंबर व दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा।

    एक नवंबर से केंद्रीय योजनाओं की धनराशि सिर्फ एसएनए स्पर्श से

    भारत सरकार एक नवंबर से केंद्र प्रायोजित सभी 66 योजनाओं की धनराशि सिर्फ डिजिटल प्रणाली एसएनए स्पर्श के माध्यम से भेजेगी। जो विभाग इस प्रणाली से नहीं जुड़ेंगे उन्हें एक नवंबर के बाद योजनाओं के लिए केंद्र से मिलने वाली धनराशि नहीं मिल पाएगी।

    वित्त विभाग ने सभी प्रशासकीय विभागों को सूचित किया है कि 31 अक्टूबर के बाद केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं के केंद्रांश की राशि एसएनए स्पर्श से ही जारी की जाएगी। विभाग संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सभी योजनाओं के लिए मंजूरी जारी कराएं। ऐसा नहीं करने पर 31 अक्टूबर के बाद केंद्र सरकार द्वारा केंद्रांश की धनराशि अवमुक्त नहीं की जाएगी। जिसका प्रतिकूल प्रभाव योजनाओं पर पड़ेगा।