यूपी में 16.67 लाख Ration Card हो सकते हैं कैंसिल, इन लोगों को अब मुफ्त राशन नहीं देगी सरकार
उत्तर प्रदेश में गरीबों के राशन में सेंधमारी का खुलासा हुआ है। सरकार ने 16.67 लाख ऐसे अपात्र लोगों को चिह्नित किया है जो मुफ्त में राशन ले रहे थे जबकि वे इसके हकदार नहीं थे। इनमें कार मालिक और बड़े किसान भी शामिल हैं। डेटा मिलान के बाद अब खाद्य विभाग इन अपात्रों के राशन कार्ड रद्द करने की कार्रवाई कर रहा है।

दिलीप शर्मा, लखनऊ। गरीबों को निश्शुल्क राशन उपलब्ध कराने के सरकार के प्रयासों में मुफ्तखोरों ने बड़ी सेंध लगा रखी थी। कार में घूमने वाले फ्री का राशन पाने को हर माह कतारों में लगकर पात्रों का हक हड़प रहे थे।
ग्रामीण क्षेत्र के दो लाख से अधिक आय वर्ग वाले, पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान, भारी और मध्यम वाहनों के मालिक भी इसी कतार में शामिल थे। यहां तक कि मुफ्तखोरी के लिए साढ़े छह हजार से अधिक ऐसे अपात्रों ने भी राशन बनवा रखे थे, जिनके नाम पर बनी फर्मों का टर्नओवर 25 लाख रुपये सालाना से अधिक है।
भारत सरकार ने डाटा का मिलान किया तो इन मुफ्तखोरों की पोल खुल गई। अब खाद्य एवं रसद विभाग अपात्रों का सत्यापन कर राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई कर रहा रहा है।
प्रदेश में वतमान में 3.62 करोड़ राशन कार्ड बने हुए हैं और इनसे 14.68 करोड़ लाभार्थी जुड़े हैं। इनमें 3.20 करोड़ से अधिक पात्र गृहस्थी कार्ड धारक परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पांच किलो राशन प्रति माह और राशन दिया जा रहा है। 40.82 लाख से अधिक अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रति परिवार 35 किलो राशन प्रति माह दिया जाता है।
भारत सरकार के मानकों के अनुसार अंत्योदय राशन कार्ड कार्ड गरीब रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को जारी किए जाते हैं, जबकि पात्र गृहस्थी राशन के लिए शहरी क्षेत्र में तीन लाख रुपये सालाना से कम आय और ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख रुपये सालाना से कम आय सीमा के साथ अन्य मानक हैं।
पिछले दिनों भारत सरकार ने आयकर विभाग, परिवहन विभाग, जीएसटी, पीएम किसान सम्मान निधि आदि के डाटा से राशन कार्ड धारकों के डाटा का मिलान कराया था। इस मिलान में 9,96,643 ऐसे नाम सामने आए, जो आयकरदाता है।
4.74 लाख कार्डधारकों के पास हल्के मोटर वाहन (कार आदि) होने की जानकारी जानकारी सामने आई है। पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले 1,89,701 किसानों के नाम भी राशन कार्ड बने हुए हैं। 6775 ऐसे कार्डधारक मिले हैं, जिनके नाम पर जीएसटीएन पंजीकरण है। इनके अलावा 308 ऐसे कार्ड धारकों के नाम सामने आए, जिनके नाम भारी या मालवाहक वाहन पंजीकृत हैं।
अब खाद्य एवं रसद विभाग इन सबके सत्यापन के साथ कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई में जुटा है। मामले में अपर आयुक्त आपूर्ति खाद्य एवं रसद विभाग सत्यदेव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा भेजे गए डाटा के आधार पर विभाग द्वारा हर जिले में अपात्रों का सत्यापन कराया जा रहा है और साथ के साथ राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा कार वाले राशन कार्ड धारक
- लखनऊ - 30,292
- कानपुर नगर - 17,741
- प्रयागराज - 16,652
- गाजियाबाद - 13,912
- बरेली - 12,494
इन जिलों में सबसे ज्यादा आयकरदाता राशन कार्ड धारक
- जौनपुर - 39,269
- प्रयागराज - 36,182
- गोरखपुर - 31,972
- आजमगढ़ - 31,015
- प्रतापगढ़ - 23,375
इन जिलों में सबसे ज्यादा पांच एकड़ भूमि वाले किसान राशन कार्ड धारक
- प्रतापगढ़ - 8326
- सीतापुर - 6636
- अलीगढ़ - 5854
- मथुरा - 5520
- हमीरपुर - 5145
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