अब टिश्यू कल्चर लैब में तैयार होगा 15.90 लाख बीज गन्ना, विभाग ने तय किया टारगेट
गन्ना विकास विभाग प्रदेश की टिश्यू कल्चर लैब्स की पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए गन्ना किसानों को रोग-रोधी बीज उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गन्ना किसानों को रोग रोधी बीज उपलब्ध कराने के लिए गन्ना विकास विभाग प्रदेश में स्थापित ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाओं (टिश्यू कल्चर लैब) की पूरी क्षमता का उपयोग करने की रणनीति पर काम कर रहा है। विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 15.90 लाख बीज गन्ना के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसे मिलों को उनकी क्षमता के अनुसार आवंटित किया गया है।
वर्तमान में प्रदेश में बिजनौर की स्नेह रोड चीनी मिल, मेरठ की मवाना व दौराला चीनी मिल, लखीमपुर की बेलरायां चीनी मिल, बरेली की बहेड़ी चीनी मिल, आजमगढ़ की सठियांव चीनी मिल, बाराबंकी की हैदरगढ़ चीनी मिल, सीतापुर की हरगांव चीनी मिल, बरेली की मीरगंज चीनी मिल, हरदोई की लोनी चीनी मिल और गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर में भी टिश्यू कल्चर लैब स्थापित हैं। मीरगंज चीनी मिल में बीज उत्पादन फिलहाल बंद है।
हर लैब अपनी क्षमता के बराबर उत्पादन करेगा
शेष के लिए किसानों को कम समय में उन्नत प्रजाति के बीज गन्ने की उपलब्धता कराने को यह लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत हर लैब अपनी क्षमता के बराबर उत्पादन करेगा। टिश्यू कल्चर से तैयार मूल गन्ना बीज के सहारे दीर्घकालीन उच्च उत्पादकता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
टिश्यू कल्चर तकनीक से तैयार बीज गन्ना, सामान्य विधि से तैयार होने वाले बीज गन्ना के मुकाबले शुद्धता, संवर्धन और गुणवत्ता में ज्यादा बेहतर होता है। विभाग के अनुसार वर्तमान में इन लैब के माध्यम से 3,94,500 बीज गन्ना का उत्पादन किया जा चुका है। विभाग द्वारा उत्पादन के प्रत्येक चरण में गुणवत्ता परीक्षण की व्यवस्था की है।
बीज गन्ना उत्पादन का लक्ष्य
टिश्यू कल्चर लैब | लक्ष्य |
|---|---|
| मवाना मेरठ | 2,50,000 |
| दौराला मेरठ | 50,000 |
| स्नेह रोड बिजनौर | 2,00,000 |
| बहेड़ी बरेली | 1,00,000 |
| लखमीपुर बेलरायां | 1,40,000 |
| हरगांव सीतापुर | 50,000 |
| लोनी हरदोई | 2,00,000 |
| हैदरगढ़ बाराबंकी | 3,00,000 |
| सठियांव आजमगढ़ | 2,50,000 |
| गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर | 50,000 |
| कुल | 15,90,000 |

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