एकता की भावना ही संविधान का मूल आधार : राजनाथ
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एकता की भावना ही हमारे संविधान का मूल आधार है। भारत के संविधान के 51 वें अनुच्छेद में विश्व शांति व सुरक्षा को बनाए रखने, अंतररष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने, देशों के बीच आपसी भाईचारा बनाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विवादों को आपसी
लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एकता की भावना ही हमारे संविधान का मूल आधार है। भारत के संविधान के 51 वें अनुच्छेद में विश्व शांति व सुरक्षा को बनाए रखने, अंतररष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने, देशों के बीच आपसी भाईचारा बनाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विवादों को आपसी मध्यस्थता से हल करने की व्यवस्था इसलिए है क्योंकि हमारा देश हजारों वर्षों से वसुधैव कुटुंबकम की बात कहता है।
सिटी मांटेसरी स्कूल द्वारा आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 16वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे गृहमंत्री ने कहा कि आज ग्लोबल विलेज की जो बात कही जा रही है वह हमारे यहां पर वसुधैव कुटुंबकम के रूप में काफी पहले से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जो निष्कर्ष निकलेंगे उसके अनुसार भारत सरकार विश्व शांति की पहल करेगी।
इस सम्मेलन में पांच देशों के पूर्व व वर्तमान राष्ट्राध्यक्षों के अलावा 61 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम में लखनऊ के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा ने बेनिन सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेंट न्यायमूर्ति ओस्माने बोटाको को लखनऊ नगर की चाबी भेंट की। सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी ने भी विचार व्यक्त किए।
बच्चों के सुरक्षित कल के लिए शांति कायम करना जरूरी : चंद्रिका कुमारातुंगा
कार्यक्रम में श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारातुंगा ने कहा कि अगर बच्चों का हम सुरक्षित कल चाहते हैं तो शांति कायम करनी होगी। इसके लिए न्यायपालिका व पुलिस को स्वतंत्र रूप से काम करने की छूट देने का साहस देशों को दिखाना होगा। विश्व में सभी बच्चों को एक समान शिक्षा, रोजगार के अवसर देने होंगे और ङ्क्षहसामुक्त माहौल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत व श्रीलंका में कई समानता है। कानून में कई व्यवस्था हमने भारत को देखकर की है। उन्होंने राजस्थान सरकार बनाम विशाखा केस का भी जिक्र किया, जिसके चलते महिलाओं को कार्यस्थल पर यौनशोषण से बचाने के लिए कई उपाय किए गए।