'बीजेपी कार्यकर्ता जुट जाएं', CM योगी बोले- SIR में 12 दिन बेहद महत्वपूर्ण, बेहतर करिए उपयोग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में जुटने का आह्वान किया और कहा कि अब केवल 12 दिन ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में भाजपा कार्यकर्ताओं को जुटने का आह्वान किया है। कहा कि अब केवल 12 दिन शेष बचे हैं इसका बेहतर उपयोग करिए।
चुनाव का परिणाम विधान सभा व लोक सभा में आता है, लेकिन चुनाव बूथ पर ही लड़ा जाता है। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि ‘मेरा बूथ-सबसे मजबूत’ यानी लड़ाई बूथ पर होती है, इसलिए वह सबसे मजबूत होना चाहिए।
हर बूथ पर औसतन पौने दो सौ से ढाई सौ नाम ऐसे हैं जो अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत व डुप्लीकेट हैं। राष्ट्रीय पदाधिकारी से लेकर शक्ति केंद्र के पदाधिकारी एक साथ मिलकर अपने बूथ पर मतदाता सूची के नामों का अवलोकन कर लें।
संगठन पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को एक किस्सा सुनाया। कहा कि एक जिले के दौरे पर जब वह गए तो वहां की मतदाता सूची में उन्हें कुछ बांग्लादेशियों के भी नाम भी मिले।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक जिले में ऐसा फार्म भरा गया, जहां मतदाता की आयु 20, पिता की 30 वर्ष और बाबा की आयु 40 साल है। फर्जी नाम का उदाहरण दिया और बताया कि रहने वाले असम के हैं, लेकिन मतदाता संभल में बने हुए हैं। कार्यकर्ताओं से कहा कि हर बूथ से फर्जी नाम पर आपत्ति दर्ज कराइए। नाम जोड़ने व काटने के लिए अभी 12 दिन का समय है।
मुख्यमंत्री ने एसआइआर में कार्यकर्ताओं को मेहनत से काम करने के लिए कहा है। बोले आपकी तीन चौथाई मेहनत अभी हो जाएगी तो विधान सभा चुनाव में सिर्फ एक चौथाई मेहनत ही करनी पड़ेगी। प्रदेश में तीन चौथाई सीट भाजपा व गठबंधन प्रत्याशी जीत लेंगे।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अपने बूथ को सबसे मजबूत कीजिए। एसआइआर के जो प्रपत्र जमा नहीं हो पाए, युद्ध स्तर पर लगकर उन्हें जमा कराइए। नए मतदाताओं को फार्म-6 भरवाइए। हर बूथ की समीक्षा व मेहनत ही परिणाम लाएगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का आभार जताते हुए कहा कि जब भी उनसे सहयोग मांगा, तब उन्होंने यूपी के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। एक जिला एक उत्पाद के लिए हमने पैकेजिंग इंस्टीटयूट मांगा तो लखनऊ में भारत सरकार ने इसे स्वीकृति दी। इसका सत्र भी प्रारंभ हो गया है।
वे अंधेरे में रहने के अभ्यस्त थे, इसलिए नहीं देते थे बिजली
मुख्यमंत्री ने सपा को घेरते हुए कहा कि 2017 के पहले जिन हाथों में कमान थी, वे अंधेरे में रहने के अभ्यस्त थे, वे बिजली नहीं देते थे, क्योंकि डकैती अंधेरे में ही पड़ती थी। भाजपा की डबल इंजन की सरकार आने के बाद अप्रैल 2017 से बिजली का जो रोस्टर तय किया, वह आज भी प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।