UP News: आगरा-प्रयागराज बनेंगे औद्योगिक क्रांति के केंद्र, योगी सरकार का वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की ओर बड़ा कदम
योगी सरकार की औद्योगिक दृष्टिकोण के अनुरूप, आगरा जिले के रहन कलां क्षेत्र में 1058 एकड़ और प्रयागराज के करछना ब्लॉक में 351 एकड़ भूमि पर यह दो विशाल आईएमसी विकसित किए जाने की योजना है। इन क्षेत्रों में अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे की स्थापना की जाने की योजना है जिसमें सड़कें, जलापूर्ति, ऊर्जा आपूर्ति, आईसीटी सेवाएं और हरित क्षेत्र भी शामिल हैं। परियोजना का उद्देश्य न केवल उत्पादन और निवेश को आकर्षित करना है, बल्कि इंडस्ट्रियल सिटी कॉन्सेप्ट को भी बढ़ावा देना है।
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना करेगी योगी सरकार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश के रूप में परिवर्तित कर रही योगी सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में डबल इंजन की सरकार प्रदेश में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (एकेआईसी) परियोजना के तहत आगरा और प्रयागराज में दो अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (आईएमसी) विकसित करने जा रही है। यह दोनों क्लस्टर न केवल औद्योगिक उत्पादन के नए केंद्र बनेंगे, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन को भी नई दिशा देंगे। इस परियोजना को केन्द्र और राज्य सरकार की साझेदारी में विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के तौर पर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर आगरा प्रयागराज लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
औद्योगिक उन्नयन को मिलेगा नया आयाम
योगी सरकार की औद्योगिक दृष्टिकोण के अनुरूप, आगरा जिले के रहन कलां क्षेत्र में 1058 एकड़ और प्रयागराज के करछना ब्लॉक में 351 एकड़ भूमि पर यह दो विशाल आईएमसी विकसित किए जाने की योजना है। इन क्षेत्रों में अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे की स्थापना की जाने की योजना है जिसमें सड़कें, जलापूर्ति, ऊर्जा आपूर्ति, आईसीटी सेवाएं और हरित क्षेत्र भी शामिल हैं। परियोजना का उद्देश्य न केवल उत्पादन और निवेश को आकर्षित करना है, बल्कि इंडस्ट्रियल सिटी कॉन्सेप्ट को भी बढ़ावा देना है। इस परियोजना में यूपीसीडा राज्य की ओर से भूमि और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रहा है, जबकि केंद्र सरकार की इकाई नेशनल इंडस्ट्रिलयल कॉरीडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए फंडिंग और तकनीकी मार्गदर्शन देगी। दोनों की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी से गठित एसपीवी इस परियोजना को धरातल पर उतारने का कार्य करेगी।
यूपीसीडा ने खाका किया तैयार
इस परियोजना को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की भूमिका प्रमुख है। उसने परियोजना के अंतर्गत कार्यों की पूर्ति के लिए एक खाका तैयार किया है। खाके के अनुसार, यह आईएमसी विभिन्न निर्माण इकाइयों के साथ ही अनुसंधान एवं विकास, तकनीकी नवाचार और कौशल विकास के केन्द्र की स्थापना का भी माध्यम बनेगा। यहां परंपरागत उद्योगों को तकनीकी सहायता देने और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले इनक्यूबेशन सेंटर भी स्थापित हो सकेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और युवाओं को हुनर के साथ-साथ उद्योग जगत से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
36 महीने में निर्माण व विकास कार्यों को किया जाएगा पूरा
1046 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं पहले से तैयार की जा रही हैं। इससे निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के विश्वस्तरीय औद्योगिक वातावरण प्राप्त होगा जो प्रदेश की इनवेस्टमेंट फ्रेंडली छवि को बढ़ावा देगा। यहां परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक विशिष्ट टीम का गठन किया जाएगा जो निर्माण और विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर नजर रखेगी। परियोजना के अंतर्गत 36 माह की अवधि में विकास कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना राज्य के औद्योगिक नक्शे पर आगरा और प्रयागराज को नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम सिद्ध हो सकती हैं।
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