UP: घाेटालेबाज आईआरएस अफसर जीजा की डिग्री पर बना फर्जी डॉक्टर, बहन की शिकायत पर खुली पाेल
Fake Doctor: शिकायत करने वाली महिला का नाम डॉ सोनाली सिंह है। उन्होंने बताया कि उनके भाई अभिनव सिंह ने उनके पति डॉ राजीव गुप्ता की डिग्रियों पर अपना न ...और पढ़ें
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डॉ राजीव गुप्ता के नाम पर नाैकरी कर रहा अभिनव सिंह
जागरण संवाददाता, ललितपुरः स्वायत्तशासी राज्य मेडिकल कॉलेज ललितपुर की सबसे संवेदनशील कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) का इंचार्ज बनकर गंभीर हृदय रोगियों की जान से खिलवाड़ करने वाले की पाेल उसकी बहन की शिकायत पर ही खुली।
शिकायत मिलते ही डॉ राजीव गुप्ता के नाम पर नाैकरी कर रहा अभिनव सिंह इस्तीफा देकर फरार हाे गया। प्रशासन ने आरोपित के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन और मुख्य चिकित्साधिकारी ने टीम बनाकर जांच शुरू करा दी है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अब तक की सभी नियुक्तियों की भी जांच कराने का फैसला किया है। पूरा मामला जिला प्रशासन और शासन को भेज दिया गया है। यह मामला सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा और नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।
शिकायत करने वाली महिला का नाम डॉ सोनाली सिंह है। उन्होंने बताया कि उनके भाई अभिनव सिंह ने उनके पति डॉ राजीव गुप्ता की डिग्रियों पर अपना नाम डालकर खुद को डॉक्टर बताया और मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ के पद पर नियुक्त हो गया। डॉ राजीव गुप्ता जिनके नाम की डिग्री का फर्जी काम में इस्तेमाल किया गया, वे अमेरिका में डॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं। जीजा की डिग्री पर साले ने तीन वर्ष साल तक मेडिकल कॉलेज में इलाज किया।दीदी ने की शिकायत तो मामला खुला। डॉक्टर सोनाली के मुताबिक उनके भाई ने अपने जीजाजी के सर्टिफिकेट्स पर अपना नाम चढ़ा कर धोखे से 2022 में डॉक्टर की पोस्ट हासिल की है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मयंक शुक्ला ने कहा कि मामला गंभीर है और इसकी जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। डॉ मयंक शुक्ला ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। जांच के बाद आरोपी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही वेतन की वसूली भी की जाएगी।
शिकायत से खुला राज
अमेरिका में कार्यरत असली डॉ. राजीव गुप्ता को दिल्ली में रह रहे उनके एक बैचमेट से सूचना मिली कि उनके नाम से फर्जी पंजीकरण और वेबसाइट बनाकर कोई व्यक्ति भारत में डॉक्टर बन बैठा है।धोखाधड़ी से बचने के लिए असली डॉ. राजीव गुप्ता ने तत्काल सेंट्रल मेडिकल कौंसिल से शिकायत की और उनकी पत्नी (अभिनव की बहन सोनाली सिंह) ने ललितपुर आकर जिलाधिकारी व मेडिकल कॉलेज प्रशासन को शिकायती पत्र सौंपा।
शिकायत पर भांडा फूटा, मुन्नाभाई फरार
बहन की ओर से शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रशासन हरकत में आया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. इम्तियाज अहमद ने बताया कि जब डॉ. राजीव जैन के सर्टिफि केट और अतीत के पन्ने खोले गए तो अधिकारी हैरान रह गए।
शिकायत को गंभीरता से लिए जाने पर भेद खुल जाने के भय से कथित डॉ. राजीव गुप्ता ने तत्काल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दो लाइन का इस्तीफा सौंपा, जिसमें उसने अपनी मां की मौत का हवाला दिया। अधिकारियों का कहना है कि उनकी मां अभी जिंदा हैं।
कस्टम विभाग में करोड़ों के गबन मामले में सजायाफ्ता
कस्टम विभाग में करोड़ों के गबन मामले में सजायाफ्ता भगोड़ा अभिनव सिंह अपनी पहचान बदलकर न सिर्फ एक डॉक्टर बन बैठा, बल्कि तीन साल से उत्तर प्रदेश के स्वायत्तशासी राज्य मेडिकल कॉलेज ललितपुर की सबसे संवेदनशील कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) का इंचार्ज बनकर गंभीर हृदय रोगियों की जान से खिलवाड़ कर रहा था। जांच शुरू होते हीए डॉ. राजीव गुप्ता के नाम से सेवाएं दे रहा मुन्ना भाई पोल खुलने के डर से अपनी जिंदा मां को मृत बताकर दो लाइन का इस्तीफा सौंपकर फरार हो गया। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें अब इस फर्जी डॉक्टर की सरगर्मी से तलाश कर रही हैं।
दो दशक तक फरार, फर्जी डिग्री से डॉक्टर बना
गिरफ्तारी से बचने को बदली पहचान
गिरफ्तारी से बचने के लिए अभिनव सिंह ने अपनी पहचान बदल ली। उसने अपना नाम डॉ. राजीव गुप्ता रखा और फर्जी डिग्री के सहारे डॉक्टर बन गया। इतना ही नहीं, उसने अपने बच्चों के भी सरनेम बदलवा दिए।मथुरा में बन बैठा एसोसिएट प्रोफेसरकस्टम अधिकारी होने के बावजूद वह फर्जी डिग्री के आधार पर मथुरा के केडी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर (इंटरनल मेडिसिन) के तौर पर एमबीबीएस छात्रों को पढ़ा रहा था।सीबीआई ने पकड़ा, सजा काट आयाकरीब दो दशक बाद, मार्च 2019 में सीबीआई ने खुफिया सूचना पर उसे मथुरा से गिरफ्तार किया। जुलाई 2020 में मुम्बई की सीबीआई विशेष अदालत ने उसे 16 महीने की जेल (जो वह पहले ही काट चुका था) और नौ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा करने के बाद अभिनव सिंह ने खुद को डॉ. राजीव गुप्ता के रूप में स्थापित कर लिया।
अमेरिका में कार्यरत जीजा की डिग्री का इस्तेमाल
वर्ष 2022 में यही शख्स डॉ. राजीव के फर्जी सर्टिफि केट के आधार पर ललितपुर मेडिकल कॉलेज की कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) इंचार्ज के पद पर चयनित होने में कामयाब हो गया। दो वर्षों से वह यहां गंभीर हृदय रोगियों का इलाज करने के साथ-साथ एमबीबीएस छात्रों को भी शिक्षा दे रहा था।
असली डॉक्टर को मिला धोखा
चौंकाने वाली बात यह है कि अभिनव सिंह ने अपने जीजा डॉ. राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल किया, जो अमेरिका के टेक्सास में एक बड़े मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दे रहे हैं।
पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जा रही
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ललितपुर डॉ. इम्तियाज अहमद ने बताया कि फेक सर्टिफिकेट से नियुक्ति पाने वाले शख्स की पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जा रही है। उसकी बहन की तहरीर पर केस दर्ज कराया जा रहा है और विभागीय स्तर पर हुई अनदेखी की जांच कराने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है।

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