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    जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज की चर्चा

    By Edited By:
    Updated: Mon, 28 Nov 2011 08:50 PM (IST)

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    -जिले में अब तक नहीं आई कोई अधिकृत सूचना

    -सत्ता पक्ष के दबाव में कुछ भी हो सकता : बड़ौनियाँ

    ललितपुर, ब्यूरो

    समाजवादी पार्टी के लिए सदस्य से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा करने का सफर जितना रोचक है, उतना ही अब मुश्किल होता जा रहा है। आज सुबह से ही यह खबर जोरों पर उड़ी रही कि जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमोद बड़ौनियाँ के अधिकार शासन ने सीज कर दिये है। इस खबर की पुष्टि के लिए खबरनबीश दिनभर फोन लगाते रहे, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

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    एक तरफ उनके साथी ही विरोध पर उतारू है, दूसरी ओर विरोधी दल के सदस्य तो उनकी घेराबन्दी में पहले से ही जुटे है। स्थिति तब और विस्फोटक हो गयी जब बसपा के दो जिला पंचायत सदस्यों के खिलाफ लोकायुक्त से हुई शिकायतों के बाद जाँच का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद बसपा नेता व सदस्य पलटवार करने में जुट गए। आज सुबह से ही यह चर्चा जोरों पर बनी रही कि शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पावर सीज कर तीन सदस्यीय संचालन समिति गठित कर दी है। यह खबर इतनी जोरों पर रही कि जिला पंचायत अध्यक्ष भी अचम्भित रह गए। उन्होंने भी वस्तुस्थिति जानने के लिए फोन घनघनाने शुरू किये लेकिन कहीं से भी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। खबरनबीस भी दिन भर इसकी पुष्टि के लिए कलेक्टरेट का चक्कर लगाते रहे लेकिन वहाँ भी शासन से कोई सूचना नहीं आयी।

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ चल रही घेराबन्दी के क्रम में उनके अधिकार सीज करने की पत्रावली तैयार कर शासन में पहुँच गयी है। अब सिर्फ फाइल पर हस्ताक्षर होना शेष रह गया है। आज नहीं तो आने वाले दो-चार दिनों में इस पर मुहर लग सकती है। इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष बड़ौनियाँ से जब इस खबर की पुष्टि की गयी तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि अब तक उन्हे शासन से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। बातों-बातों में वह यह कह गए कि जिस तरह से सत्ता पक्ष उनके खिलाफ लामबन्द है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता कि सब कुछ सम्भव है। उनका कहना है कि अभी उनका एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है और उन्होंने जिला पंचायत तथा जनहित के ही कार्य किये है। यदि उन्हे झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है तो वह इसके खिलाफ आवाज जरूर उठाएंगे। इधर जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ चल रही घेराबन्दी पर समाजवादी पार्टी के नेता भी कड़ी निगाह रखे हुए है।

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